जिला रोजगार ब्यूरो ने  सुनने व बोलने में अक्षम भाई-बहन के हुनर की भाषा, दिलवाया रोजगार

जिला रोजगार ब्यूरो ने  सुनने व बोलने में अक्षम भाई-बहन के हुनर की भाषा, दिलवाया रोजगार
– गांव धूता की सर्बजीत कौर को सिविल अस्पताल के डेंगू प्रोजैक्ट में आफिस क्लर्क व भाई को पावर काम में मीटर रीडर की नौकरी दिलवा उनके सपनों की दी उड़ान
– डी.बी.ई.ई की ओर से शारीरिक रुप से अक्षम व जरुरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर दिलाया जा रहा है रोजगार: डिप्टी कमिश्नर
होशियारपुर, 23 मई:
शारीरिक रुप से अक्षम होने के कारण रोजगार प्रदाता से अक्सर न सुनने वाले युवाओं की इस परेशानी को दूर करने के लिए जिला रोजगार व कारोबार ब्यूरो हमेशा इन्हें सभी की तरह समान अवसर उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध रहा है। ब्यूरो की ओर से इसी प्रयास को जारी रखते हुए होशियारपुर के गांव धूता के सुनने व बोलने में अक्षम सगे भाई-बहन को रोजगार देने के साथ उनके सपनों को नई उड़ान दी है। इन दोनों भाई बहनों के हुनर की भाषा को समझते हुए ब्यूरो की ओर से ई.सी.ई में डिप्लोमा करने वाली सर्बजीत कौर को सिविल अस्पताल होशियारपुर के डेंगू प्रोजैक्ट में आफिस क्लर्क के रुप में रखा गया है जबकि उसके भाई भारतकर सिंह सुमन जिसने कि इलेक्ट्रीकल में आई.टी.आई की है को पी.एस.पी.सी.एल में मीटर रीडर के तौर पर रोजगार दिया है।
सर्बजीत व भारतकर की मां कुलविंद कौर जो गांव में ही एक छोटा सा आयुर्वेदिक क्लीनिक चलाती है, अपने बच्चों की इस प्लेसमेंट पर प्रसन्न व खुद को गर्वित महसूस कर रही है। कुलविंदर कौर ने बताया कि उनके पति गुरविंदर सिंह जो स्वंय दिव्यांग है, उनके क्लीनिक में उनकी सहायता करते हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक रुप से अक्षम बच्चों का पालन उनके लिए बहुत चुनौतिपूर्ण रहा है, इसके बावजूद वह न तो खुद निराश हुई और न ही बच्चों को ही हीन भावना का शिकार होने दिया। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों की शिक्षा पूरी करवाने के बाद वह उन्हें नौकरी दिलवाने के लिए इधर-उधर भटकती रहा लेकिन बच्चों की शारीरिक कमजोरी के कारण उसके हाथ हमेशा निराशा ही लगी। फिर उसे पंजाब सरकार के घर-घर रोजगार मिशन के बारे में पता चला और वह अपने बच्चों को लेकर जिला रोजगार ब्यूरो कार्यालय होशियारपुर की ओर से आयोजित एक रोजगार मेले में भाग लेने पहुंची, जहां उसे आश्वासन दिया गया कि उसके बच्चों को जल्द ही उनकी फील्ड से जुड़ा रोजगार दिलाया जाएगा और आज उनके बच्चों को सम्मानजनक रोजगार मिला है।  
डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने कहा कि जिला रोजगार ब्यूरो की ओर से दी जाने वाली रोजगार सुविधाओं से बहुत से परिवारों व जरुरतमंदों को रोजगार मुहैया करवाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले से ही शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले युवाओं को रोजगार दिलाना हमेशा जिला रोजगार व कारोबार ब्यूरो की प्रमुखता रही है। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को रोजगार दिलाने में ब्यूरो के प्लेसमेंट अधिकारी मंगेश सूद व कैरियर काउंसलर आदित्य राणा ने विशेष भूमिका निभाई है। इसके अलावा ब्यूरो में कार्यरत क्लर्क विक्रमजीत सिंह जो कि स्वयं दिव्यांग है और दिव्यांगजनों को आने वाली चुनौतियों को समझते हैं भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।  

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