डेंगू जैसी घातक बीमारियों पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन इस स्तर पर नजरअंदाज करना खतरनाक

डेंगू जैसी घातक बीमारियों पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन इस स्तर पर नजरअंदाज करना खतरनाक
पठानकोट 16 ( Rajinder Singh Rajan B/Chief ) 
मई वैसे पूरी दुनिया में पिछले 16 महीने से कोरोना महामारी का कहर बरपा रहा है.  पठानकोट जिले में भी दूसरी लहर की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई है और रोजाना सैकड़ों पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं.  जिला प्रशासन, नागरिक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन-रात हाई अलर्ट पर हैं।

           इसलिए डेंगू जैसी अन्य घातक बीमारियों पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन इस स्तर पर अन्य बीमारियों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।  यही कारण है कि डेंगू की रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
    सिविल सर्जन कार्यालय पठानकोट के एपिडेमियोलॉजिस्ट (आईडीएसपी) को पहले ही कोविड की जिम्मेदारी सौंपी गई है।  हैरानी की बात है कि दो महीने पहले एक डेंटिस्ट डॉक्टर को वेक्टर बोर्न डिजीज की इंचार्ज थी लेकिन वेक्टर बोर्न डिजीज के पद के लिए कम से कम एमबीबीएस डॉक्टर होना जरूरी है क्योंकि डेंटिस्ट को वेक्टर बोर्न डिजीज के बारे में कुछ पता नहीं होता ।
      फिलहाल इस बात को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए कि भगवान न करे कोविड और साथ ही पठानकोट डेंगू की चपेट में आ गया तो स्वास्थ्य विभाग के लिए  बेहद मुश्किल होगा।  पिछले वर्षों में स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू जागरूकता के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया था जो डेंगू के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाती थी, लेकिन वर्तमान में केवल पांच स्प्रे कर्मचारी दैनिक वेतन पर काम कर रहे हैं ,और विभाग के स्वास्थ्य निरीक्षकों   हर साल की तरह डेंगू, मलेरिया और कोविड के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहे थे , लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने भी इन्हें कोविड में काम करने के लिए तैनात कर दिया है।
     पठानकोट शहर में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता का केवल एक तकनीकी पद है, लेकिन उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में भी नियुक्त किया गया है।  पठानकोट जिले में अब तक लगभग 8 डेंगू पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और  इलाके में रोजाना मच्छरों के लार्वा मिलना खतरे की घंटी है।
 करीब तीन साल पहले पठानकोट में डेंगू के काफी मामले आए थे।  इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जो कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं, उनके पास अभी भी जागने का समय है।
  डेंगू बुखार एक वायरल बुखार है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह हमारे घर और आसपास खड़े पानी में उगता है।इस मच्छर में तेंदुए जैसी धारियां होती हैं और यह दिन में काटता है।  डेंगू के मुख्य लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा और चकत्ते, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, स्थिति का बिगड़ना और मसूड़ों और नाक से खून बहना है।  इससे बचने के लिए अपने घर के कूलरों, बर्तनों और फ्रिज की ट्रे में खड़े पानी को हफ्ते में एक बार साफ और सुखाना सुनिश्चित करें। अंदर न रखें, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि आपको मच्छर न काटे, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें , सोते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम आदि।

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