पंंजाब सांझा मुलाजम मंच की बैठक में अपेै्रल माह के वेतन के बिलों का न लेने के मौखिक आदेशों के प्रति रोष व्यक्त किया

पंंजाब सांझा मुलाजम मंच की बैठक में अपेै्रल माह के वेतन के  बिलों का न लेने के मौखिक आदेशों के प्रति रोष व्यक्त किया 

K K HAPPY JUGIAL (PATHANKOT )
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पंजाब सरकार कर्मचारी वर्ग के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। 
विधायकों को एक से अधिक दी जानी पैंशनों पर रोक लगाई जाए। 

फोटो 3 कैप्शन शाहपुर कंडी टाउन शिप मे पंजाब सांझा मुलाजम मंच के कर्मचारी बैठक करते हुये। 
पंजाब सांझा मुलाजम मंच की विशेष बैठक जिला कंवीनर गुरनाम सिंह सैनी और पंजाब कर्मचारी दल पंजाब के अध्यक्ष सलविंदर सिंह लाधुपूर की अध्यक्षता मे स्थानीय क्लब में हुई, जिसमें मंच के कई अन्य पदाधिकारी कप्तान सिंह छीना, कौशल कुमार, योगेश्वर सलारिया, रहवंदर सिंह जग्गा, गुरिंद्र सिंह रंधावा, ज्ञान चंद लूबा, रणजीत सिंह व अन्य कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया। बैठक में मंच के जिला कंवीनर गुरनाम सिंह सैनी ने बताया कि पंजाब सरकार अंदर खाते पंजाब में कार्यरत कर्मचारियों को नाहक परेशान करने के लिए कार्य कर रही है, जिसके आधार पर सरकार ने खजाना विभाग को अंदरखाते कर्मचारियों के अप्रैल माह के वेतन के बिलों को नहीं लेने के लिए मौखिक आदेश दिए है। मंच पदाधिकारियों ने बताया कि पंजाब सरकार पहले ही कर्मचारियों के डीए के बकाए, डीए की किश्तों की घोषणा, वेतन आयोग की रिपोर्ट व अन्य बनते लाभ नहीं दे रही है,इसके विपरीत अब कर्मचारियों को अप्रैल माह का वेतन देने के लिए भी देरी करने का मन बनाया गया है, जिससे कर्मचारी वर्ग में रोष की लहर बढ़ रही है। मंच ने बताया कि सरकार विधायको को केवल ही ही पैंशन दें, रेत बजरी माफिया पर रोक लगाए, कर चोरी की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए तथा अन्य जरूरी कदम उठाने पर सरकार के खजानें में बहुत अधिक बढ़ौतरी हो सकती है,परंतु सरकार तो केवल कर्मचारी वर्ग के हितों की ही अनदेखी करने पर तुली हुई है। सांझा मुलाजम मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि सरकार ने खजाना विभाग को समय पर वेतन के बिलों को लेने के लिए अपने दिए हुए मौखिक आदेशों का वापस नहीं लिया तो वह सभी कर्मचारी संगठनों को एकजुट करके, बड़ा संघर्ष करने के लिए विवश हो जाएगें, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

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