मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने और फतेह किटों की खरीद करने के संबंध में दिया बड़ा ब्यान

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने  कुछ निजी अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने और फतेह किटों की खरीद करने के संबंध में लगाए गए आरोप को राजनीति से प्रेरित बताते हुए रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महामारी से लाभ कमाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। अकालियों और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों पाॢटयों की नजर साल 2022 के विधानसभा चुनाव पर है, जिस कारण इनके द्वारा  हो-हल्ला मचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी गलत काम में राज्य सरकार शामिल नहीं है और जंग जैसी आपातकालीन स्थिति के मौके पर तत्काल और असाधारण फैसले लेने होते हैं। 

मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा कोविड के सुरक्षा उपायों और बंदिशों का उल्लंघन करके राज्य सरकार के विरुद्ध बड़े स्तर पर भीड़ एकत्र करने का गंभीर नोटिस लिया। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए बौखलाहट में आकर सुखबीर बादल और उनकी पार्टी के वर्कर भीड़ एकत्र कर लोगों की जिंदगियां खतरे में डाल रहे हैं।

निजी अस्पतालों को टीके का फैसला वापस लिया लेकिन अनियमितता का सवाल ही नहीं
कै. अमरेंद्र ने कहा कि कुछ निजी अस्पतालों को 40000 अतिरिक्त डोज मुहैया करवाना एक समय का उपाय था। सरकार के फैसले को सही भावना से नहीं देखा जा रहा था, इसलिए इसको वापस ले लिया गया। इसमें किसी भी अनियमितता का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि सारा पैसा स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण फंड में गया और सरकार द्वारा मुफ्त में लगाए जाने वाले टीकों की खरीद के लिए इस्तेमाल किया जाना था।

वहीं, फतेह किटों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में पंजाब अन्य राज्यों की अपेक्षा कम मूल्य पर इसको खरीदने में कामयाब रहा। राज्य सरकार ने इस समय 7475 फतेह किटें बांटी हैं. 

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