महिलाओं के लिए नई मिसाल पेश की मिसेज स्मृति ओबराय ने,2010 में एक्टिंग की दुनियां में रखा था अपना कदम




बटाला 30 जुलाई- (अविनाश /संजीव नैयर ) : लडक़ीयां चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं, अगर वे घर संभाल  सकती है, बच्चे पैदा कर सकती है तो अपनों की प्रोत्साहन के साथ सपनों को भी सकार कर सकती हैं, यह कहना है  जिला पठानकोट के सुन्दर चक्क में जन्मी स्मृति तिवारी जिन्होंने कला की क्षेत्र में अपनी  प्रतिभा से लोगों को हैरान कर, उन महिलाओं के लिये एक मिसाल बनने में सक्षम हुई है जो खुद को शादी के बाद घर तक ही सीमित कर अपने सपनों को दबा देती हैं। पठानकोट के रमा चोपड़ा कालेज से ग्रैजुऐशन करने के बाद दीनानगर के शांति देवी आर्य महिला कालेज में एम एस सी फैशनल डिजाईनिंग में दाखिला लिया।

इसी दौरान उनकी प्रतिभा को देखते हुये उन्हें एक पंजाबी चैनल में बतौर एंकर काम करने की मौका मिला। सन 2010 में अपनी सुन्दरता तथा आत्मविश्वास के संगम के साथ पीटीसी पंजाबी में मिस बटाला का टैग हासिल कर सैमी फाईनल में पहुँचने वाली स्मृति ओबराय के जीवन को एक नया मोड़ तब मिला जब उन्हें एक वूलन कम्पनी द्वारा एड शूट करने का अवसर प्रदान किया गया। उन्होंने विभिन्न चैनलों मेंं बतौर एंकर काम किया तथा बाद में सन 2015 में उनकी शादी बठिण्डा निवासी जसदीप ओबराय जोकि एक मोटीवेशनल स्पीकर हैं, के साथ हो गई तथा बाद में उन्होंने स्टेज की दुनियां से अपना नाता तोड बतौर मोटीवेशनल स्पीकर अपनी पति के साथ काम करना शुरू कर दिया। 

लेकिन अपने ससुराल वालों के प्रोत्साहन तथा पति जसदीप द्वारा मोटीवेट किये जाने के बाद सन 2017 में स्मृति ने  में मिस्र्सज पंजाब में की प्रंितयोगिता में भाग लिया तथा मिर्सज पंजाब का टैग हासिल कर एक बार फिर से शादी के बाद गलैमर की दुनियां में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने पंजाबी गीत दिवाने में काम किया तथा सन 2018ं-19 की मिर्सज पंजाब प्रतियोगिता  तथा अनेकों टैलंट हंट प्रतियोगिताओं को जज करने का अवसर भी उन्हें मिला। इसी दौरान उन्होंने तूँ मेरा की लगदा पंजाबी फीरचर फिल्म में काम किया।

वर्ष  2019 में उन्हें मिर्सज पंजाब का ब्रांड अम्बैस्डर बनाया गया तथा इसी माह 24 जुलाई को रिलीज हुई खामोश पंजेब में बतौर लीड एक्ट्रस काम कर उन्हें आगे बढऩे का एक ओर अवसर मिल गया। स्मृति ओबराय ने बताया कि बिग बास में जाना तथा उसमें जीत कर वापिस आना था अपने अभिभावकों के सपने को साकार करना ही उनका  एक मात्र उद्देश्य है।

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