कृषि कानूनों पर अकाली दल को ओछी राजनीति शोभा नहीं देती: अरुणा चौधरी

कृषि कानूनों पर अकाली दल को ओछी राजनीति शोभा नहीं देती: अरुणा चौधरी
– किसानों के विरुद्ध काले-कानून पास करवाने में अकाली दल बराबर की हिस्सेदार
– किसानों के सडक़ों पर आने के पीछे अकालियों में जागा किसानी के प्रति प्रेम
– पंजाब सरकार किसान व किसानी के लिए हर स्तर पर बनती लड़ाई लड़ेगी
होशियारपुर, 12 अक्टूबर:
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने केंद्र की ओर से पास किए कृषि कानूनों संबंधी अकाली दल को घेरते हुए कहा कि वे किस मुंह से किसानी की बात कर रहे हैं जबकि यह सब कुछ उनके हाथों हुआ है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए अरुणा चौधरी ने कहा कि खुद ही कृषि आर्डिनेंस की वकालत करने व बिल पास करवाने के बाद अकाली दल को अब ओछी राजनीति शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि कृषि बिलों के कानून बनने तक पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल व अन्य अकाली लीडरशिप केंद्र के इन काले बिलों का पक्ष लेती रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि अकाली दल इन किसान विरोधी कानून बनाने में बराबर की हिस्सेदार है।
एक अन्य सवाल के जवाब में अरुणा चौधरी ने कहा कि अकाली दल उस समय कहां थी जब इन आर्डिनेसों व बिलों को कानून में तब्दील किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि जिस समय पंजाब विरोधी व किसान विरोधी कानून बनाए जा रहे थे उस समय अकाली दल ने इनका विरोध क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में किसानों के रोष को देखते हुए अकाली दल का किसानी प्रेम जागा है व अपने पहले वाले स्टैंड से यू र्टन लेते हुए अकालियों ने अपनी राजनीतिक सांझीदार भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ दिया जो कि अकाली दल की बहुत मजबूरी बन चुकी थी।
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि अपनी खिसर चुकी राजनीतिक साख के लिए अकाली दल तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है, जिसमें वह कभी भी कामयाब नहीं होगा क्योंकि पंजाब के लोग उनकी ओछी राजनीतिक चालों से पूरी तरह परिचित हैं।
पंजाब सरकार की ओर से किसानों व किसानी की हर पक्ष से हिफाजत की वचनबद्धता को दोहराते हुए अरुणा चौधरी ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानी के लिए हर स्तर पर बनती लड़ाई लड़ेगी ताकि किसानों के हित सुरक्षित रखे जा सकें।

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