(गांव अदियाल मे वीरांगना अनीता देवी अपने बच्चों और सास ससुर सहित ससुराल में)
दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर जिले की दो वीरांगने
संवाददाता सूत्र 9855963127 जुगियाल /पठानकोट (केे के हैप्पी) : भारतीय सैना मे कार्यरत पति के निधन के बाद जिला पठानकोट की दो पड़ी लिखी वीरोगने नौकरी की आस लगाए बैठी है,पर अभी तक यह दोनों पैंशन के सहारे अपना जीवन चला कर अपने बच्चों का पेट भरने को मजबूर है। वर्ष 2010 में आरटी रेजमैंट के शहीद हुए नायक विजय कुमार की पत्नी बंटी देवी और वर्ष 2017 मे 114 आर्मड इंजीनियर के नायक इंजीनियर महिंदर पाल की पत्नी अनीता देवी की ओर से जिला सैनिक भलाई की ओर से उनकी यूनिट के संपर्क से जल्द उनको नौकरी दिलवाने का कई बार वादा भी किया है। यहां तक तो कई बार सैनिक भलाई बोर्ड के अधिकारी पूर्व सैनिकों के लिये लगाए जाने वाले सैमीनारों मे इन दोनों की समस्या भी सून चुके पर सब धरा धराया रह जाता है। इस संबंध मे जागरण ने जब 114 आर्मड इंजीनियर के नायक इंजीनियर महिंदर पाल की पत्नी अनीता देवी से बात कि तो उन्होने बताया कि उनकी शादी 22 वर्ष की उमर वर्ष 2009 मे गांव अदियाल के निवासी नायक महिंदर पाल से हुई थी और महिंदर पाल वर्ष 2004 मे सैना की सिख रैजीमैंट 114 आर्मड इंजीनियर मे भर्ती हुए थे। इसी दौरान 29 सितंबर 2017 को अभ्यास के दौरान डयूटी पर इंद्रा नदी राजस्थान में गिर कर मौत हो गई और शहीद सैनिक का शव 2 अक्टूबर को घर पंहुचा।
(अनीता देवी के पति नायक महिंदर पाल की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट)
अनीता देवी को इस समय मात्र 19000 पैंशन मिल रही है और उसके तीन छोटे छोटे बच्चे है जो पढ़ाई कर रहे है तथा अनीता देवी अपने ससुराल राल मे ही अपनी सास और ससुर के साए में जी कर जिंगदी के दिन काट रही है। 2017 में पंजाब मे उस समय काग्रेस और केंद्र मे भाजपा की सरकार थी और अनीता देवी ने दोनों सरकारों को इस के गौहार लगाई पर उसके हाथ पैंशन के सिवा कुछ नहीं लगा। जब इस संबंध मे 114 आर्मड इंजीनियर के मेजर हिम्मत से बात करनी चाही तो उन्होने कुछ भी बताने से मना कर दिया।
(गांव शाहपुर कंडी में वीरागना बंटी देवी जानकारी देते हुए)
यही हाल आरटी रेजमैंट के शहीद हुये नायक विजय कुमार की पत्नी निवासी शाहपुर कंडी की बंटी देवी का है। बंटी देवी की शादी 22 वर्ष की उमर मे वर्ष 2006 मे जम्मू कश्मीर के विलाबर मे रहने वाले विजय कुमार से हुई थी और नायक विजय कुमार वर्ष 2001 मे सेना मे भर्ती हुये थे तथा वर्ष 2004 की कारगिल की लड़ाई मे भाग लेने का गौरव भी नायक विजय कुमार को हासिल हुआ। इसी दौरान बंटी देवी ने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुये जम्मू विश्वविद्यालय से बीऐ और बीएड की डिग्री हासिल की। इस के बाद 14 सितंबर 2010 को विजय कुमार की एक सड़क हादसे मे मौत हो गई। ससूराल वालों ने भी बंटी देवी के बच्चे को अपने पास रख कर घर से निकाल दिया। पर बंटी देवी ने हिम्मत ना हारते हुये अपने मायके शाहपुर कंडी मे आने के बाद एमऐ की परीक्षा पास की तथा अपनी योगिता को आगे बढ़ाया। इस दौरान कई बार सैना के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन को गौहार लगाने बाद भी मात्र 18000 की पैंशन हासिल हुई। अब अपनी हिम्मत से बंटी कुमारी आगे की पढ़ाई जारी रखेगी और उसका सपना आईएस की परीक्षा को पास कर अपने पैरों पर खड़ा होना है। इस मौके पर दोनों विरागनों मे पंजाब और केंद्र सरकार से उनके हालातों को देखते हुये रहम के आधार पर नौकरी देने की मांग की है।
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