LATEST NEWS: हेलीकाप्टर हादसा: सेना ने अपने दो बडे समुद्री बेडे जय व विजय सहिल लगभग 7 अन्य स्टीमरों को गोताखोरों के साथ उनकी तलाश करने के लिए झील में उतारा

सैना, ऐयरफोरस, नेवी के अधिकारी बांध प्रशासन के साथ बना रहे अभियान नई रणनीति 
आरएसडी का जल सत्र भी घटाया जा सकता है 
 
पठानकोट (बसोली) जम्मू कश्मीर( केके हैप्पी )
  जम्मू कश्मीर और पंजाब की सीमा पर रणजीत सागर बांध परियोजना करी झील मे गिरे सेना के हेलीकाप्टर का 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कुछ अता पता नही चल पाया है मंगलवार को सेना और नेवी की टीम के द्वारा एनडीआरएफ की टीम के साथ  देर रात तक सर्च अभियान चलाया गया था। पर वीच वीच मे हो रही वर्ष के साथ हेलीकाप्टर का ईधन लीक होने के कारण झील के सत्र पर फैले ईधन से उस मे बाधा पड़ रही है जिस से गोताखोरों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसी के साथ देर रात को छीप गोंताखोरों की टीम और सेना के दिल्ली से कुछ उच्च अधिकारी भी घरना स्थल पर पहूंच गए है और घटना स्थल के इंर्द गिर्द सेना ने एस ऐरीआ को सील कर दिया है और आगे के सर्च अभियान की ठोस रणनीति बनाई जा रही है। 
इसी के साथ झील के सत्र पर फैले ईधन को निकालने के लिए बांध प्रशासन झील का जल सत्र कम करने की कोशिश कर रहा है जिस से कि उपर से ईधन वाला पानी बहने  के भी आसार है।  रणजीत सागर बांध परियोजना के एसई हैड क्वाटर का कहना है कि बांध प्रशासन सेना की मदद के लिए हर समय उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रहा है। 
      गौरतलब है कि शाहपुर कंडी के समीप रणजीत सागर बांध परियोजना की झील में मंगलवार सुबह लगभग साढे दस बजे, जम्मू कश्मीर की साईड की तरह पलाही गांव के समीप पुरथु गांव के साथ लगती झील में अचानक  सेना का हैलीकापअर  कै्रश हो कर गिर गया था जिससे हैलीकाप्टर में सवार पाइलट कैप्टन एएस बाठ तथा को पाइलट कैप्टन जयंत जोशी सवार थे जिसके लिए उनकी तलाश में रणजीत सागर बांध परियोजना के प्रशासन की और से अपने दो बडे समुद्री बेडे जय व विजय सहिल लगभग 7 अन्य स्टीमरों को गोताखोरों के साथ उनकी तलाश करने के लिए झील में भेज दिया था 24 घंटे के बीत जाने के बाद भी उन दोनो पाईलटों और हेलीकप्पर का इंजन सहित अन्य सामान नही मिल पाया। 

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