साध्वी के जीवन की ओर लौटेंगी ममता कुलकर्णी, विवादों के बीच लिया निर्णय Click here Read more…..

ममता ने हाल ही में महाकुंभ में अपने पिंडदान के बाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर उपाधि प्राप्त की थी, लेकिन इसपर कई सवाल उठने लगे। उनके पद से इस्तीफे के दौरान उन्होंने कहा, “मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी…”

महामंडलेश्वर बनाए जाने के दौरान उन्हें किन्नर अखाड़े के साथ-साथ कई संतों और बाबा रामदेव जैसे लोगों की आपत्ति का सामना करना पड़ा। ममता का कहना था कि वे सांसारिक सुखों से दूर होकर अचानक संत बनने का अनुभव कर रही थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पद को उन्हें सौंपने से पहले उनकी कठिन परीक्षा ली गई थी, जिसमें चार जगतगुरुओं ने उनसे कड़े सवाल किए।

ममता ने कहा, “महामंडलेश्वर बनाए जाने से पहले 2 दिनों से संचालकों का आग्रह था, लेकिन मुझे लिबास की कोई आवश्यकता नहीं है। इस कपड़े को तब पहनूंगी, जब इसकी सम्मिलित आवश्यकता पड़ेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि यह अवसर 144 वर्षों बाद आया है और इसे केवल आदिशक्ति ही कर सकती हैं।

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