थर्मल प्लांट बंद होने पर आरएसडी बन सकता है बड़ा सहारा

आरएसडी परियोजना फिलहाल किसी भी बिजली संकट से निपटने को तैयार 

पीसी पटियाला के आदेशों अनुसार बिजली उत्पादन जाता है बढ़ाया और घटाया

जुगियाल (पठानकोट) 6 नवंबर (के के हैप्पी) : पंजाब में किसानों के अंदोलन के कारण पंजाब के थर्मल प्लांटों के लिये कोयला ना आने के कारण अब थर्मल प्लांटों को चलाने के लिये अब कुछ ही समय का कोयला बचा है। ऐसी स्थिति मे थर्मल प्लांट बंद होने के कगार पर है और इस समय मे भी पंजाब की ओर से नेशनल ग्रिड से बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है इस के बाबजूद भी कई स्थानों पर बिजली के कट लगाए जा रहे है। ऐसे पर पंजाब का ऐक मात्र कमाउ स्पूत रणजीत सागर बांध पीटी पटियाला के निर्देश के अनुसार बिजली के उत्पादन को बढ़ा कर बिजली संकट से निपटने के लिये अहम योगदान पा सकता है जिस के लिये रणजीत सागर बांध परियोजना का पावर हाउस फिलहाल किसी भी संकट से निपटने को तैयार है यह बात रणजीत सागर बांध परियोजना के पीसीपीएल के डिप्टी चीफ इंजीनियर जगजीत सिंह ने बताया। उन्होने कहा कि ओपरेशन सैल के चारों शिफटों मे सीनियर अभियंता अपने पूरे दल बल के साथ पावर हाउस पर तैनात है और पीसी पटियाला के निर्देशों पर अपनी पैनी निगाह बनाए हुये है। उन्होने बताया कि रणजीत सागर बांध परियोजना से तैयार होने वाली बिजली सरना ग्रिड को जा रही है और वहां से अलग अलग फीडरों के माध्यम से आगे बिजली सप्लाई की जाती है।

(रणजीत सागर झील का शानदार दृृश्य)
     
इसी के साथ बैराज बांध के निर्माण में लगातार हो रही देरी के कारण भी बिजली उत्पादन को झटका लग रहा है। क्यों कि 600 मैगावाट रणजीत सागर बांध परियोजना अपनी पूरी क्षमता से अपना कार्य नही कर सकती क्यों कि डाउन स्टीम मे शाहपुर कंडी बैराज का कार्य भी चल रहा है और माधोपूर हैड वर्कस पूरे पानी को झेलने की क्षमता नही है। साथ ही इस साल बरसात के मौसम में अच्छी वर्षा न होने पर भी बांध परियोजनाओं की झीलों में जलस्तर कम है जिसका सीधा प्रभाव बिजली उत्पादन पर हो रहा है।  इस सबंध में बैराज बांध व रणजीत सागर बांध परियोजना के चीफ इंजीनियर संदीप कुमार सलुजा ने बताया कि रणजीत सागर झील में पानी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है जो इस समय 510 मीटर पर है। जबकि रणजीत सागर बांध परियोजना के पीसीपीएल के पावर हाउस द्वारा 36 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होने पर झील में जलस्तर 10 सैंटीमीटर तक कम हो रहा है। रणजीत सागर झील में इस समय चमेरा प्रोजेक्ट से केवल 465 क्यूसिक ही पानी आ रहा है, जबकि रणजीत सागर बांध परियोजना के चार यूनिटों में से केवल  एक यूनिट 150  मेगावाट क्षमता से चल कर कुल 36 लाख यूनिट तैयार कर पांच हजार क्यूसिक पानी माधोपुर हैडवकर््स को छोड़ रहा है। उन्होनें बताया कि इसके साथ बैराज बांध प्रोजेक्ट का निर्माण कोविड-19 महामारी के कारण बहुत प्रभावित हुया है, जिसके लिए इस प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली 268 मेगावाट बिजली उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होनें बताया कि शीध्र ही बैराज बांध पर बनने वाले पावर हाऊसों के निर्माण का ठेका कपंनियों को देने की बात चल रही है , जिससे उक्त पावर हाऊस बनने पर दोनों बांधों से 600 मेगावाट व 268 मेगावाट बिजली उत्पादन लगातार मिलेगा। जिस के पंजाब और केंद्र सरकार दोनो ही प्रयास कर रही है और उमीद है कि जल्द ही यह सब तैयार हो जाये गा।    

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