सुंदर शाम अरोड़ा ने मीडिया ही नहीं बल्कि कर किसी को लाज़वाब कर दिया

होशियारपुर (आदेश परमिंदर सिंह ) इसमें कोई शक नहीं सूंदर शाम अरोड़ा ने एक तरफ़ा जीत दर्ज की है।  आपको याद होगा की एक सप्ताह पहले दोआबा टाइम्स में इस बात का ज़िकर  किया गया था की सूंदर शाम अरोड़ा किसानी पिछोकड़ से सम्बन्धित है. उनका जद्दी शहर गढ़दीवाला है। वह खेतों  में जाते रहे हैं।  पानी का बहाव किस तरफ करना है वह जानते हैं और इसका असर होशियारपुर में ही नहीं बल्कि उनकी धमक गढ्ढीवाला में बह सुनाई देगी।  गढ़दीवाला में भी भाजपा कोई सीट नहीं जीत  पाई।

मंडी बोर्ड का चेयरमैन रहने के कारण व किसानी पिछोकड़ होने के कारण वह  किसानी मुद्दे  की रग रग से वाकिफ हैं।  इस मुद्दे पर वह गोदी मीडिया को भी लाजवाब कर देते रहे। 

शहर में गोदी मीडिया की पैरवाई काने वालों को भी वह अच्छी तरह पहचानते हैं. वह यह भी जानते हैं कि  उनकी प्रेस कांफेरेंस में उनकी तारीफ करने वाले गोदी मीडिया वाले भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाकर उन्हें २०-२५ से ज्यादा सीट नहीं दे रहे थे और कह रहे थे कि हिंदी शहर वाले इस शहर में उनका जीतना न मुमकिन है। 

क्योंकि किसानो का जहाँ कोई जनाधार नहीं।

कल एक हिंदी अखबार के सीनियर पतरकार ने कहा कि अरोड़ा ने 40 + जीतकर हर किसी को लाज़वाब कर दिया है।

आम आदमी व  दुकानदार का कंही न कंही पिछोकड़ किसानी से ही जुड़ा हुआ है यह बात समझने में भाजपा ने गलती कर ली है ।  शहर के दुकानदारों ने भी अरोड़ा को दिल खोल कर वोट दिए। भाजपा तो अपने घर की सीट भी नहीं बचा सकी. और तो और संजीव तलवार भी अपने घर की सीट भी नहीं बचा सके।

ऐसे लोग जा नेता यह भी भूल गए की हर दुकानदार व आम आदमी का पिछोकड़ किसानी से जुड़ा हुआ है। किसानों के खिलाफ नारेबाजी कर यह लोग शान के लिए पुलिस सिक्योरिटी या भाजपा में बड़ा पद तो ले सकते  हैं मगर किसान विरोधी होने के चलते यह नेता लोगों का दिल नहीं जीत सक्ते।  होशियारपुर में इनकी बड़ी हार इसी बात की और इशारा करती  है.

 

 

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