जिंदा लाश बन कर रह जाता है वो परिवार, जिसके घर का चिराग हो जाता है वतन पर कुर्बान : कुंवर विक्की

(शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के परिजनों को सम्मानित करते हुए कुंवर रविन्द्र विक्की व अन्य)

शहीद कुलदीप की शहादत को नम आंखों से किया नमन

घरोटा 9 नवम्बर (शम्मी महाजन) : जम्मू कश्मीर के डोडा सैक्टर के निडगांव क्षेत्र में पाक प्रशिक्षित आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत का जाम पीने वाले भारतीय सेना की 6 डोगरा युनिट के सिपाही कुलदीप कुमार का 17वां श्रद्धांजलि समारोह इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग के जिला उपाध्यक्ष सूबेदार शक्ति पठानिया की अध्यक्षता में गांव डीडा सैणियां में आयोजित किया गया। जिसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता महिन्द्रो देवी, पिता बंत राम, भाई राजीव कुुमार, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, महारणा प्रताप यूथ क्लब सम्मूचक्क के प्रधान ठाकुर बाबू राम, माता ऊषा देवी आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हो कर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री सुखमणि साहिब पाठ का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा वैरागमयी कीर्तन द्वारा शहीद को नमन किया गया। उसके उपरान्त आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि शहीद सिपाही कुलदीप कुमार जैसे अमर बलिदानियों की बदौलत ही आज राष्ट्र की एकता व अखंडता बरकरार है, जिन्होंने 22 वर्ष की अल्पायु में अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरता की जो मिसाल कायम की वह देश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि जिस घर का चिराग वतन पर कुर्बान हो जाता है, वह परिवार एक जिंदा लाश बन कर रह जाता है। ऐसे में सरकारों के साथ साथ समाज के अन्य लोगों का यह  फर्ज बनता है कि इन शहीद परिवारों को उचित मान सम्मान देकर इनका मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें यह अहसास करवाएं कि इस दुख की घड़ी में समाज उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि आज हर देश वासी अमन व चैन की नींद इस लिए सो रहा है कि क्योंकी शहीद सिपाही कुलदीप कुमार जैसे जांबाज सैनिक सीमा पर तैनात हो कर दुश्मन की हर चुनौति का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

शहीदी कार्यक्रमों में शामिल होने से बढ़ता है शहीद परिवारों का मनोबल : सतपाल अत्री

शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री ने कहा कि शहीदों की याद में आयोजित होने वाले शहीदी समारोहों में शामिल होने से शहीद परिवारों का मनोबल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सदस्यों का साथ न मिलता तो शायद अपना बेटा पुलवामा हमले में खोने के बाद वह जिंदा नहीं रह पाते। इस अवसर पर मुख्यातिथ द्वारा शहीद के परिजनों सहित 10 अन्य शहीद परिवारों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरपंच ठाकुर कुलदीप सिंह, पूर्व सरपंच राम किशन, पूर्व सरपंच स्वर्ण सिंह सम्मूचक्क, प्रेम सिंह, काला राम, महिन्द्र पाल, बलविन्द्र सिंह, मीनू  बाला, जसवंत सिंह, सुखविन्द्र सिंह, पवन कुमार,योगेश कुमार आदि उपस्थित थे।



         




 

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