केंद्र सरकार से पैकेज मांगने से पहले कैप्टन सरकार व कांग्रेसी बताएं कि पंजाब सरकार ने कोरोना राहत के लिए अपने खजाने से क्या खर्च किया : तीक्ष्ण सूद

केंद्र सरकार से पैकेज मांगने से पहले कैप्टन सरकार व कांग्रेसी बताएं कि पंजाब सरकार ने कोरोना राहत के लिए अपने खजाने से क्या खर्च किया : तीक्ष्ण
 सूद

कहा कि सरकारी राशन की बांट में पारदर्शिता तथा किसी एकसार  तरीके  के अभाव में लोगों में पनप रही है बड़े घोटाले की शंका :

HOSHIARPUR [ADESH PARMINDER SINGH]

पूर्व मंत्री व  वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद ने प्रेस को जारी दिए गए बयान में पंजाब सरकार तथा कांग्रेसी नेता की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व कांग्रेसी नेता मोदी सरकार से  पैकेज  मांग कर  तथा शराब के ठेके खोलने की मंजूरी मांगने जैसे बेहूदा मांगे  मांग कर पंजाब के लोगों का ध्यान पंजाब सरकार द्वारा इस विषय में शून्य के बराबर किए गए कामों की तरफ से हटाना चाहते हैं। श्री सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना रोकथाम के प्रयासों को पूरी दुनिया ने सराहा तथा उन्हें कोरोना जैसे मामले में विश्व का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री माना है।
लॉकडाउन तथा  कुछ परहेजों के साथ उनके समय पर लिए गए फैसले के कारण भारत में मरीजों की संख्या पर पूरा नियंत्रण है। श्री सूद ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह  व कांग्रेसी नेताओं से प्रश्न किया कि यह बताएं कि राज्य सरकार का राहत कार्यों में क्या योगदान है। केंद्र सरकार ने दी कल्याण  अन्न योजना के अंतर्गत सभी को करीब डेढ़  करोड़ जरूरतमंद लोगों को तीन महीने तक 5 किलो गेहूं, 1 किलो दाल प्रतिमाह के हिसाब से जिसकी कीमत 700 करोड़ है तिथि 30-03-2020  को जारी कर दी थी।  परंतु पंजाब सरकार ने ना  ही इसे बांटने की कोई  प्रक्रिया बनाई है ना ही बांटना शुरू किया है।  लोगों को बताएं की राहत उन तक पहुंचने के लिए इतनी देरी क्यों हुई  व कब तक यह राहत उन  तक पहुंचेगी। इस तरह सेहत विभाग के लिए करोना से निपटने के लिए 886 करोड़ की रकम पंजाब सरकार को आ चुकी है। परंतु  डॉक्टर तथा नर्से बिना दस्ताने, बिना  मास्क तथा बिना पीपीई   किट के अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल रहे हैं, अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की। केंद्र सरकार ने सभी जन धन  खातों में ₹500 तथा 60  साल के ऊपर आयु की विधवा व  विकलांगों के खाते में 1000 रुपए डाल दिए हैं। आगे भी 2 महीनों में यह रकम उन को मिलेगी। उज्जवला योजना में 3 लाख 30  हजार लोगों को 3 महीने के लिए रसोई गैस फ्री मिलेगी। जिसके लिए इस महीने के एक गैस  सिलेंडर की कीमत उनके खाते में जमा हो चुकी है।  इसके अतिरिक्त किसानों, मजदूरों आदि के खातों में भी राहत राशि डाली जा चुकी है। क्या पंजाब सरकार ने ऐसी कोई राहत घर बैठे भूखे मर रहे लोगों को जारी की है।  उल्टा सरकारी राशन तथा दान  के लंगरों को  कांग्रेसी अपना बता कर  वोटे मांग रहे है तथा पक्की करने में व्यस्त है। श्री सूद ने कहा कि पंजाब सरकार को गरीबों को राहत देने के लिए निम्नलिखित घोषणाए  करनी चाहिए :-
1 ) क्योंकि लॉकडाउन  में कमाई का कोई साधन नहीं है तथा दुकानें  व उद्योग बंद है इसलिए 3 महीने के लिए सभी बिजली के बिल पूरे माफ करें।
2) शहरी व  देहाती वाटर सप्लाई व सीवरेज के बिल 3 महीने के लिए माफ करें।
3 )नगर निगम, जिला परिषद,नगर परिषद  व  अन्य सरकारी दुकानों में काम कर रहे किरायेदारों के किराये माफ़ करें।
4 ) व्यवसाय करने  वालों का प्रोफेशनल टैक्स 3 महीने के लिए माफ हो।
5) ट्रकों, बसों व टक्सीओं  पर लगने वाले सभी ट्रांसपोर्ट टैक्स 3 महीने के लिए माफ हो।
6 ) सभी स्कूलों और कॉलेजों की फीस से 3 महीने के लिए माफ करें।
7 )  नगर निगम व अन्य विभागों द्वारा ली जाने वाली लाइसेंस फीस  3 महीने के लिए छोड़ी जाए।
8 ) किसानों व व्यापारियों की  कर्जे की लिम्टो  का व्याज  सरकार 3 महीने के लिए चुकाए।
 9 ) मध्यवर्गीय तथा गरीब परिवारों को दैनिक जरूरतें पूरी  करने के लिए 5000 रुपए प्रति महीने के हिसाब से 3 महीने के लिए पंजाब सरकार दे और यह सभी राहते बिना भेदभाव और पार्टीबाजी से ऊपर उठकर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचती की जाए। शराब के ठेके खुलने की बजाय जल्दी से जल्दी चरणबद्ध तरीके से उद्योगों व निर्माण कार्यों को खोला  जाए। 
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