SPECIAL STORY : >>लाॅकडाउन के दौरान गढ़शंकर के साधु ने प्रसाशन से लगाई थी गढ़दीवाला जाने की गुहार, प्रसाशन ने बिना जांच पड़ताल दी इजाजत


SPL. CORRESPONDENT LALJI CHOUDHARY
CANADIAN DOABA TIME

GARHDHIWALA

गढदीवाला : पंजाब में कर्फ्यू के कारण काफी लोग अपने घरों से बाहर फंस गए थे,कोई ना कोई साधन पैदा कर ज्यादातर लोग अपने ठिकानों पर पहुंच गए थे, परंतु इस सबके बीच कुछ लोग आज भी अपने घरों के बाहर फंसे हुए हैं। कुछ ऐसी ही दास्तां है नाथ साधु जयनाथ उर्फ कुलभूषण की।सुत्रों अनुसार इन दिनों बीत क्षेत्र के गांव बारापुर में रह रहे साधु जयनाथ उर्फ कुलभूषण ने बताया कि वह पिछले  कई वर्षो से गढ़दीवाला के गांव सरहाला में डेरा बाबा बंजर में रह रहा हैं। कर्फ्यू से पहले वह गढ़शंकर के गांव शाहपुर में आया था। परंतु अचानक कर्फ्यू लगने के कारण वह शाहपुर में ही फंस गए।साधु कुलभूषण अनुसार उसने गांव सरहाला में वापस जाने के लिए गढ़शंकर के प्रशासन से इजाजत मांगी थी प्रशासन ने उसे इजाजत तो दे दी थी परंतु किसी प्रकार का कोई भी साधन उपलबध करवाने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। जयनाथ से बताया कि उसके पास गढ़दीवाला जाने के लिए कोई साधन नहीं था वह उसे फंसा देखकर एक श्रद्धालु ने शाहपुर से उसे गांव बारापुर ले गया, उस दिन से आज तक उसके खानपान का प्रबंध करके उसे दिया जा रहा है।साधु ने बताया कि उसकी उम्र 75 वर्ष है और वे जल्द से जल्द गढ़दीवाला के गांव सरहाला में वापस जाना चाहता है क्योंकि वह किसी पर बोझ नहीं बना रहना चाहता। उसने बताया कि उसकी शारीरिक अवस्था ज्यादा ठीक नहीं है और गांव बारापुर से गढ़दीवाला के 70 किलोमीटर के सफर को पैदल तय नहीं कर सकता। जय नाथ ने स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन से मांग की है कि उसे  सुरक्षित साधन उपलबध करवा कर दिया जाए ताकि वह अपनी कुटिया गढ़दीवाला के गांव सरहाला में पहुंच सके। पिछले साधुओं पर हुए हमलों को लेकर जयनाथ काफी भयभीत दिख रहा है।
दूसरे पक्ष जानने के लिए जब गांव सरहाला के सरपंच सुखदेव सिंह से जानकारी हासिल की तो उन्होंने डेरा बाबा बंजर कमेटी के प्रधान मोहन सिंह से बात करके सारी बात का खुलासा किया
डेरा बाबा बंजर कमेटी प्रधान मोहन सिंह ने बताया कि यह साधु असलीयत में गढशकर के गांव बारापुर का रहने वाला है। वह लगभग 1 वर्ष पहले डेरा बाबा बंजर पर कुछ दिन रहा और यहां से अपने गांव चला गया। उसके बाद एक और साधु डेरे पर आया और कुछ लोगों से 15 हजार की ठगी मार कर हरिद्वार जाने का बहाना लगाकर भाग गया। अब डेरे की देख रेख कमेटी कर रही है। कमेटी का कहना है कि एक वर्ष बीत जाने के बाद इस मुश्किल समय में साधु को हमारे गांव के डेरे की याद कैसे आ गई। प्रसाशन को चहिए था कि गांव के सरपंच या थाना गढ़दीवाला से संपर्क करते। इसमें कोई इसकी साजिश लगती है।उन्होंने कहा कि प्रसाशन ने बिना जांच-पड़ताल के बिना उसे गढ़दीवाला में जाने की इजाजत कैसे दे दी।उन्होंने कहा कि यह साधु करोना वायरस से भी प्रभावित हो सकता है। 
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