अमृतसर : अमृतसर में आज दशहरा देख रहे लगभग 50 लोगों की रेलगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई और 80 के करीब घायल हो गए। प्राप्त जानकारी अनुसार अमृतसर में धोबीघाट के नजदीक जोड़ा फाटक के पास लोग रेलवे लाईन पर खड़े हो कर रावण दहन का अवलोकन कर रहे थे। इसी दौरान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुई हावड़ा और जालंधर से अमृतसर को आ रही डीएमयू रेलगाडिय़ां आ गई।
इस बीच पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राहत अभियान की निगरानी के लिए अमृतसर जाने के दौरान कहा कि मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपये और घायलों को मुफ्त इलाज सहायता दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि रावण दहन दौरान चल रहे पटाकों की आवाज के कारण लोगों को रेलगाड़ी आने का पता नहीं चला जिसके कारण लगभग 50 लोगों की कटने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई तथा असंख्य लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शी बहुजन समाज पार्टी के नेता तरसेम सिंह भोला ने बताया कि रेल लाईनों पर सैंकड़ो लोग खड़े थे जो रेलगाड़ी की चपेट में आए हैं। उन्होने बताया कि घटना के समय रेलवे फाटक भी खुला हुआ था। रेलगाड़ी धड़ाधड़ गुजर गई। उन्होने बताया कि मरने वालों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। पुलिस तथा जिला प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है।
यह हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन पटरी के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा है जिसे देखने के लिए ट्रैक पर खड़े थे। यह हादसा अमृतसर में चौड़ा फाटक के नजदीक हुआ जहां रेलवे ट्रैक के किनारे रावण दहन का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान वहां हजारों लोग एकत्र हुए थे तभी पटाखों की आवाज आई तो लोग भागने लगे और उन्हें ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी। इस दौरान आ रही ट्रेन की चपेट में सैकड़ों लोग आ गए।
फिलहाल जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक मृतकों की संख्या में बढोत्तरी हो सकती है। यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर आ रही थी। यह हादसा उस समय हुआ जब लोग रेलवे ट्रैक पर रावण का पुतला दहन कर रहे थे। फिलहाल जो तस्वीरें आ रही हैं वो आपको विचलित कर सकती हैं।
ट्रैक के आसपास खून ले लथपथ लाशें बिखरी पड़ी हैं। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद बता रहे हैं कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।
घटनास्थल के पास काफी लोग एकत्रित हो गए हैं और स्वजनों की तलाश कर रहे हैं। मौके पर चारों तरफ लोगों के रोने-बिलखने की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। यह सब कुछ इतना विचलित करने वाला है कि इसकी तस्वीरें दिखाई नहीं जा सकती हैं। ऐसी आशंका है कि ट्रेन लोगों की भीड़ के ऊपर चढ़ गई। इसमें काफी लोगों के मारे जाने की आशंका है।
चश्मदीदों का कहना है कि लोग ट्रेक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। इसी दौरान दोनों ट्रैक पर ट्रेन आने से लोगों में भगदड़ मच गई। इसी कारण इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम को स्थानीय पार्षद ने आयोजित किया था। इसमें पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी आई हुई थीं।
समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के अनुसार, आज उक्त स्थान पर कांग्रेस के पार्षद मिट्ठू की ओर से दशहरे का आयोजन किया जा रहा था जिसमें पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की धर्मपत्नी नवजोत कौर सिद्धू मुख्यमेहमान के रूप में शामिल हुई थीं। आरोप है कि घटना होते ही वह मदद करने की बजाय मौके से फरार हो गईं और अपने घर पहुंच गईं। मौके पर पहुंचे पुलिस कमिशनर सुधांशू श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि अभी तक 60 लोगों के मिलने की जानकारी मिली है और यह संख्या अभी और हो सकती है क्योंकि दोनों गाडिय़ां रुकते-रुकते काफी दूर तक चली गईं। आशंका है कि कुछ लाशें इन गाडिय़ों में अटकी हो सकती हैं।
घटना होने के बाद घटनास्थल पर हजारों की संख्या में लोग जुट गए और पंजाब सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। इस मौके पर पहुंचे पंजाब के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सोनी के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी की और गुस्से का इजहार किया। मंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचाया और पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा।
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