लोगों को गुमराह करने का नाटक बंद करो-कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकालियों को कहा
धार्मिक स्थानों संबंधी दिशा-निर्देश राज्य ने नहीं, केंद्र सरकार ने जारी किए
मुख्यमंत्री ने हरसिमरत कौर बादल को धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बाँटने की आज्ञा देने संबंधी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क करने के लिए कहा
चंडीगढ़, 8 जून:
शिरोमणि अकाली दल के नेताओं द्वारा संवदेनशील धार्मिक मसले पर लोगों को गुमराह करने के किए जा रहे यत्नों की सख़्त शब्दों में आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आज से खोले गए धार्मिक स्थलों पर प्रसाद न बाँटे जाने संबंधी फ़ैसला केंद्र सरकार का है, जिसका शिरोमणि अकाली दल अभिन्न अंग है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने कभी भी किसी धर्म के रीति-रिवाज़ों और प्रथाओं में हस्तक्षेप करने में विश्वास नहीं रखा, परन्तु सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को लागू करने पर विवश है। उन्होंने झूठी बयानबाज़ी के द्वारा लोगों को सरकार के खि़लाफ़ भडक़ाने की कोशिश करने पर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं की कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने धार्मिक स्थलों के लिए निर्धारित संचालन विधि (एस.ओ.पीज़) जारी की है, तो राज्य सरकार को गुरुद्वारों या अन्य पूजा स्थलों में प्रसाद बाँटने पर रोक लगाने के लिए जि़म्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह गृह मंत्रालय ही है जिसने राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के अंतर्गत 8 जून से धार्मिक और कुछ अन्य स्थानों को खोलने की आज्ञा देने का फ़ैसला लिया था और बाद में अलग-अलग अन्य केंद्रीय मंत्रालयों को इस सम्बन्धी ज़रुरी दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री होने के नाते अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल और उनकी पार्टी ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने संबंधी एस.ओ.पीज़. जारी होने से पहले ज़रूरी सलाह-मशवरे किए होंगेे। उन्होंने कहा कि हरसिमरत बादल को बाद में रोश ज़ाहिर करने और राज्य सरकार पर गलत ढंग से दोष मढऩे की बजाय उस समय पर इस फ़ैसले से पिछे हटकर प्रसाद बाँटने की आज्ञा देने पर ज़ोर देना चाहिए था।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिए थे कि वह गुरुद्वारों में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए लंगर बाँटने के लिए ज़रुरी निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि वह ख़ुद प्रधानमंत्री को धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बाँटने की आज्ञा देने के लिए पत्र लिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अकालियों के दोहरे मानकोंं पर बरसते हुए कहा कि नई दिल्ली के गलियारों में भारत सरकार के विवादास्पद फ़ैसलों का समर्थन करना अकालियों की आदत बन गई है, जबकि सार्वजनिक रूप से इसका विरोध करने का ढोंग करते हैं। उन्होंने कहा कि सी.ए.ए. के कानून से लेकर हाल ही में कृषि सुधारों संबंधी जारी किए गए अध्यादेश तक, अकाली नेता ख़ास तौर पर हरसिमरत बार-बार राज्य के हितों के गंभीर मुद्दों पर अपने कोरे झूठों के द्वारा पंजाब के लोगों को बेवकूफ़ बनाने की कोशिश कर रही है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक बार फिर अकाली नेता को इस कठिन दौर में निम्र दर्जे की राजनीति को एक तरफ़ रखने और संकट से निपटने के लिए राजनैतिक भिन्नताओं से ऊपर उठकर साझे यत्नों की अपील की।
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