दिया जलाना संजीवनी के बराबर करता है कार्य – मुकेश कालिया
HOSHIARPUR (RINKU THAPER, S.S. SHARMA) दीपावली रोशनियों का त्यौहार है और इस दिन सरसों के तेल के दिये जलाना संजीवनी बूटी के बराबर कार्य करते थे,पर आधुनिक युग में दियों का स्थान नकली रोशनियों ने ले लिया है, जिससे त्यौहार की महत्ता तो कम हुई ही है, साथ ही साथ वातावरण समीकरण भी बिगड़ गए है।
उपरोक्त शब्द प्रसिद्घ कथा वाचक मुकेश कालिया ने पार्षद नीति तलवाड द्वारा दीपावली के मौके पर आयोजित परिवार मिलन समारोह पर कहे। मुकेश कालिया ने कहा कि धार्मिक भावना को अगर पांरपारिक तरीके से ही मनाए तो बहुत सी मुश्किलों का समाधान निकल सकता है।
इस मौके पर प्रसिद्घ समाज सेवी संजीव सूद ने कहा कि आज घर-घर स्वदेशी दीपावली मनाने की बात जोर पकड़ चुकी है, अब इस मुहिम को क्रांति में बदलने की जरुरत है।
समारोह को संबोधित करते हुए पार्षद नीति तलवाड ने कहा कि पिछले काफी समय से दीपावली पर आयोजित परिवार मिलन समारोह में प्रदूषण रहित दीपावली मनाने पर सुझाव एकत्रित किए जाते रहे है। उन्होने कहा कि आज इस बात का संकल्प भी लिया गया है कि त्यौहारो पर उपहारों का आदान प्रादान पौधों के रुप मे ही किया जाए। उन्होने कहा कि इस प्रकिया से हरी भरी दीपावली मना पाएंगें।
समारोह में पंजाब यूथ डेवेल्पमैंट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन संजीव तलवाड, राजीव महाजन, विनय शर्मा, तिलक राज गुप्ता, आशीष भारदवाज, विकास तिवाडी एवं समूह मोहल्ला निवासी भी मौजूद थे।
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