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पंजाब के 5 जिलों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग शूरू- बलबीर सिंह सिद्धू

2365 रैपिड एंटीजन टैस्ट किये,197 की रिपोर्ट पॉजिटिव और 2168 पाए गए नेगेटिव
 चंडीगढ़, 20 जुलाई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के निर्देशों पर जिला जालंधर, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना और एस.ए.एस.नगर में रैपिड एंटीजन जांच शुरू की गई है।
यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि इन जिलों में अब तक कुल 2365 रैपिड एंटीजन टैस्ट करवाए गए हैं, जिनमें से 197 पॉजिटिव और 2168 टैस्ट नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन अन्य जिलों कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब और रोपड़ को हिदायत की गई है कि वह टेस्टिंग प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इस जांच को शुरू करें।
अधिक जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने कोविड के संक्रमण का जल्द पता लगाने और प्रबंधन के लिए रैपिड एंटीजेन जांच शुरू की है। उन्होंने कहा कि एसआरएस-कोव-2 एंटीजन की गुणात्मक जांच के लिए तेज एंटीजेन टैस्ट किटें एक तेज और बढिय़ा क्रोमैटोग्राफिक इम्यूनोअसी है। यह एस डी बायोसैंसर द्वारा विकसित किया गया है और 30 मिनटों के अंदर टैस्ट के नतीजे प्रदान करता है।

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उन्होंने कहा कि जो लोग एंटीजेन टैस्ट द्वारा पॉजिटिव पाए गए हैं, उनको पॉजिटिव माना जायेगा जबकि एंटीजेन टैस्ट में नेगेटिव रहने वालों का दोबारा टैस्ट सीबी नाट / ट्रूनेट / आरटी पीसीआर द्वारा किया जायेगा।
सैंपल एकत्रित करने सम्बन्धी बताते हुए श्री सिद्धू ने कहा कि नासोफैरिजैंल स्वैब हस्पताल की सेटिंग में या कम्युनिटी में पीपीई का प्रयोग करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टरों या पैरा मैडीकल द्वारा सैंपल एकत्रित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि एस.आर.आई. मरीजों जैसी श्रेणियों की एंटीजेन टेस्टिंग के अलावा, कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों, लक्षण वाले व्यक्तियों और उच्च-जोखिम वाले संपर्क, जोकि कंटेनमैंट जोन वाले इलाकों में घर-घर जाकर जांच करते हैं।

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संभावित सीधे और उच्च जोखिम वाले संपर्क पुष्ट स्थिति में संपर्क वाले दिन से 5वें से 10वें दिन एक बार टैस्ट किया जाना है, विशेष रूप से कंटैंट / माईक्रो कंटेनमैंट जोनों में। सह-रोग, फेफड़ों की बीमारी, दिल सम्बन्धी बीमारियाँ, जिगर सम्बन्धी बीमारी, गुर्दे की बीमारी, शुगर, नयूरोलॉजीकल डिसऑर्डर, खून की बीमारियों के साथ उच्च जोखिम वाले संपर्क।

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असिम्टोमैटिक मरीज जो ऊपर दिए गए उच्च जोखिम वाली बीमारियों जैसे कीमोथैरेपी आदि के कारण हस्पताल में दाखिल हैं या हस्पताल में दाखिल होना चाहते हैं, सम्बन्धी सभी सिविल सर्जनों को पहले ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि न्यूरोसर्जरी, ई.एन.टी. सर्जरी, दाँतों की सर्जरी, ब्रौनकोस्कोपी, अप्पर जी.एल.एंडोस्कोपी, डायलसिस, ट्रूनाट, सीबी-एनएए मशीनें कोविड के टैस्ट के लिए पहल के आधार पर इस्तेमाल की जानी चाहिएं।

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