मीडिया रिपोर्टों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं, कोविड-19 के बावजूद मिड डे मील स्कीम अच्छी तरह से चल रही है-शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला
पठानकोट , 26 जुलाई (राजिंदर राजन ब्यूरो )
स्कूली बच्चों को अनाज और खाना पकाने की लागत मुहैया न करवाए जाने सम्बन्धी मीडिया रिपोर्टों को पूरी तरह झूठा और मनघढंत करार देते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि इन रिपोर्टों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। कोविड-19 के अनिर्धारित संकट के मद्देनजऱ लगाए गए लॉकडाउन के बाद राज्य सरकर ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 15.79 लाख लाभपात्री विद्यार्थियों के दरमियान 30 जून तक अनाज और 31 मई तक खाना पकाने की लागत का वितरण किया है।
यहाँ तक कि फाजि़ल्का, जालंधर और मोगा जि़लों से सम्बन्धित स्कूली बच्चों को अनाज और खाना पकाने की लागत मुहैया न करवाए जाने सम्बन्धी सच्चाई का पता लगाने के लिए की गई पड़ताल में यह सामने आया है कि इन सभी बच्चों को अनाज और खाना पकाने की लागत क्रमवार 30 जून और 31 मई तक प्रदान की गई है। इसके अलावा अनिर्धारित हालातों के कारण ताज़ा पकाए गए भोजन की जगह भोजन और खाना पकाने की लागत लाभपात्री विद्यार्थियों को दी जा रही है। श्री सिंगला ने मीडिया को सुझाव दिया कि कुछ स्वार्थी हितों द्वारा गुंमराह करने वाली और बिना पुष्टि की जानकारी के आधार पर ऐसी कहानियाँ प्रकाशित करने से गुरेज़ किया जाए।
तथ्यों की स्थिति की रिपोर्ट संबंधी और ज्य़ादा जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि 37.26 करोड़ रुपए की खाना पकाने की लागत पहले ही जारी की जा चुकी है, जिसमें से 23 करोड़ रुपए लाभपात्री विद्यार्थियों के बैंक खातों में तबदील कर दिए गए हैं। जिन स्कूलों के विद्यार्थियों के बैंक खाते अभी खुलने बाकी हैं, की 14 करोड़ रुपए की राशि अभी बकाया है। जि़ला शिक्षा अधिकारियों (एलिमेंट्री एजुकेशन) द्वारा उठाईं गईं समस्याएँ और सुझावों का नोटिस लेते हुए राज्य सरकार ने 10 जून, 02 जुलाई, 23 जुलाई को केंद्र सरकार के समक्ष बार- बार यह मसला उठाया था, जिसमें विद्यार्थियों को खाना पकाने की लागत की नकद अदायगी या विद्यार्थियों को अनाज की सप्लाई पहुंचाना या लाभपात्री विद्यार्थियों के माँ-बाप के बैंक खातों में इसको ट्रांसफर करने की मंज़ूरी माँगी गई थी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) को बार-बार इस मुद्दे पर तुरंत फ़ैसला लेने की अपील की गई है, परन्तु एम.एच.आर.डी. के अधिकारियों का कहना है कि नीतिगत फ़ैसला होने के कारण यह फ़ैसला पूरे देश के लिए लिया जाएगा। एमएचआरडी को अन्य राज्यों से भी इस तरह के हवाले मिल चुके हैं। ऐसा लगता है कि अभिभावकों को पैसों की नगद अदायगी या माँ-बाप के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने में वित्तीय गड़बड़ी के अंदेशें को ध्यान में रखते हुए एमएचआरडी ने अभी तक अंतिम फ़ैसला नहीं लिया हैै। पंजाब सरकार एमएचआरडी के दिशा-निर्देशों का इन्तज़ार कर रही है और जब भी यह दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं तो लाभपात्री विद्यार्थियों के सर्वोत्त्म हित में तुरंत अमल किया जाएगा।
यहाँ 30 जून तक अनाज का उपयुक्त भंडार था और भारत सरकार द्वारा दूसरी तिमाही यानि 1 जुलाई से 30 सितम्बर के लिए 11,974 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है जो लिफ्टिंग की प्रक्रिया के अधीन है। 70.78 करोड़ रुपए के बिल जि़ला खज़़ाना, मोहाली में पेश किए गए हैं। 15 अगस्त, 2020 की समय सीमा तक खाना पकाने की लागत के लिए यह रकम काफ़ी है। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार मिड-डे मील स्कीम को सही अर्थों में लागू करने के लिए वचनबद्ध है।
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