नशामुक्ति  के लिए महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे हैं ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक व नशामुक्ति  पुर्नवास केंद्र: डिप्टी कमिश्नर

– जिले की 9 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों में इस वर्ष अभी तक 5328 मरीजों की हो चुकी है ओ.पी.डी
– कहा, डाक्टर व काउंसलर की सीधी देखरेख में किया जा रहा है मरीजों का इलाज
होशियारपुर, 27 नवंबर
डिप्टी कमिश्नर श्रीमती ईशा कालिया ने बताया कि जिले को नशामुक्त  करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक व नशामुक्ति  पुर्नवास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार पहले ही जिले में दो नशा छुड़ाओ केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर व सिविल अस्पताल दसूहा में चला रही है वहीं एक नशामुक्ति  पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ मेें भी चलाया जा रहा है। इन केंद्रों में हर तरह के नशे के मरीजों को 1-3 महीने तक दाखिल कर दवाईयां, काउंसलिंग व अन्य गतिविधियों से नि:शुल्क इलाज किया जाता है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि  मई 2018 से सरकार की ओर से जिले में ओ.ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक ं शुरु  की गई है, जिसमें पोस्त से बनने वाले या उस जैसे असर वाले नशे जैसे कि हैरोइन(चिट्टा), अफीम, भुक्क ी, ट्रैमाडोल, प्रौकसी वन कैप्सूल, लोमोटिल गोलियां आदि से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिले के 9 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों में इस वर्ष अभी तक 5328 मरीजों की ओ.पी.डी व 529 मरीजों की आई.पी.डी हो चुकी है। इसके अलावा नशामुक्ति  व पुर्नवास केंद्र में अब तक 538 मरीज इलाज करवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक होशियारपुर जिले में 9 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक, नशामुक्ति  पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़, सिविल अस्पताल दसूहा, सिविल अस्पताल मुकेरियां, सिविल अस्पताल गढ़शंकर, सी.एच.सी. बुड्डाबढ़, हाजीपुर, टांडा, भूंगा, हारटा बडला में चल रहे हैं, और भविष्य में जिले के सभी सी.एच.सी. में शुरु  किए जा रहे हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि मरीजों का इलाज जीभ के नीचे रखने वाली गोली बुप्रीनौरफिन, पल्स नलौक्सन से डाक्टर व काउंसलर की सीधी देखरेख में किया जा रहा है। यह गोली कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त है और सीधी देखरेख में ही दी जाती है। इसके ओवरडोज से मौत नहीं होती और मरीज नशे के पीछे भागता भी नहीं है। जिससे पैसे की बर्बादी तो रु कती ही है साथ ही मरीज दवाई खाने के बाद पूरा दिन बिना किसी रु कावट के अपना काम कर सकता है। उन्होंने बताया कि मरीज को डाक्टर व काउंसलर की मदद व उसके वारिसों के सहयोग से एक साल के भीतर नशा मुक्त  करने का प्रयास किया जा रहा है।
सिविल सर्जन डा. रेणू सूद ने बताया कि मरीजों का इलाज बिल्कुल नि:शुल्क है और इससे गांवों में रह रहे मरीजों को इलाज करवाने में बहुत लाभ होगा। इस संंबंधी किसी भी जानकारी के लिए फोन नंबर 01882-244636 पर संपर्क किया जा सकता है।
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements

Related posts

Leave a Reply