नम आंखों से अशोक चक्र विजेता की शहादत को किया नमन
गुरदासपुर, 20 अगस्त ( अशवनी ) : जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर जिले के गुरेज सैक्टर में 12 आतंकियों को मारकर शहादत का जाम पीने वाले भारतीय सेना की 15 मराठा लाइट इन्फैंट्री के अशोक चक्र विजेता शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह का 9वां श्रद्घांजलि समारोह 15 डी.ओ.यू यूनिट के कमांडिंग अफसर कर्नल जगमोहन शर्मा की अध्यक्षता में मोहल्ला संत नगर स्थित शहीद के निवास स्थान पर आयोजित किया गया। जिसमें जिला उपायुक्त मोहम्मद इश्फाक बतौर मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता जगतिन्द्र कौर, पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, भाई संदीप सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, 15 डी.ओ.यू यूनिट की कैप्टन अनहिता परिहार व सूबेदार मेजर धर्मेन्द्र सिंह, चाइना बार्डर की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले नायब सूबेदार सतनाम सिंह की पत्नी जसविन्द्र कौर व बेटा प्रभजोत सिंह, शौर्य चक्र विजेता लांस नायक संदीप सिंह के पिता जगदेव सिंह, पुलवामा हमले में शहीद हुए कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मनदीप कुमार के पिता नानक चंद आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घांजलि अर्पित की।
आयोजित श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि जिला उपायुक्त मोहम्मद इश्फाक ने कहा कि सदियों की गुलामी के बाद देश को जो स्वर्णिम आजादी मिली, उसके पीछे कुर्बानियों का लम्बा इतिहास रहा है तथा उस आजादी की गरिमा को बहाल रखने हेतु शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह जैसे जांबाज सैनिक आज भी अपने बलिदान देकर राष्ट्र की एकता व अखंडता को बरकरार रख रहे है। उन्होंने कहा कि हमें अपने शहीदों के साथ-साथ सेना में देश सेवा कर रहे सैनिकों को भी पूरा सम्मान देना चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ड्यूटी को बाखूबी से निभाते हुए दुश्मन की हर चुनौती का सामना कर रहे हैं।
जिला उपायुक्त मोहम्मद इश्फाक ने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद द्वारा शहीदों के सम्मान व इनके परिजनों का मनोबल बढ़ाने हेतु इस तरह के जो श्रद्घांजलि समारोह आयोजित कर देश की भावी पीढ़ी में देश भक्ति की जो अलख जलाई जा रही है, इनके इस जज्बे को मैं दिल से सलाम करता हूँ तथा समाज के अन्य लोगों को भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे आकर एक ऐसा संगठन बनाना चाहिए, जिसमें लोग स्वेच्छा से दान दें। जिससे शहीद परिवारों की मदद हो सके। उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 के चलते देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है, अगर सैनिक सरहद पर लड़ रहा है, वहीं हर सरकारी कर्मचारी कोविड को खत्म करने की लड़ाई लड़ रहा है तथा इस लड़ाई में हर वर्ग को सरकार का साथ देना चाहिए
(शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्वलित करते हुए कर्नल जगमोहन शर्मा)
कर्नल जगमोहन शर्मा ने कहा कि शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह जैसे जांबाज भारतीय सेना के गौरव हैं, इनके आदम्य साहस व बलिदान से हमारे जवान हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सेना के हर कंटोनमेंट लेफ्टिनेंट नवदीप की कोई न कोई यादगार बनी है। जिससे शहादत के नौ वर्षों बाद भी वह हमारे दिलों में बसते हैं। उन्होंने कहा कि नौकरी के इतने वर्षों बाद भी शहीदों के अधिकारों की लड़ाई लडऩे व शहीदों की यादें मनाने वाली परिषद के रूप में उन्होंने पहली ऐसी गैर राजनीतिक संस्था देखी है, मैं भारतीय सेना की ओर से इनके सदस्यों को दिल से सैल्यूट करता हूँ।
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि कोई धर्म के नाम पर लड़ता है तो कोई मजहब के नाम पर, मगर एक सैनिक 137 करोड़ हिन्दोस्तानियों के लिए लड़ते हुए अपना सैन्य धर्म निभा जाता है। उन्होंने कहा कि सैकडों लोग रोज मरते हैं, उन्हें कोई याद नहीं रखता, मगर एक शहीद की मौत पर देवता भी फूल अर्पित करते हैं,क्योंकि किस्मत वालों को ही वतन पर कुर्बान होने का सौभाग्य प्राप्त होता है और परिवारिक संस्कारों से ही शहादत का जज्बा पैदा होता है। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित पांच अन्य शहीद परिवारों को सिरोपे व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर इंद्रजीत सिंह बाजवा, रमन शर्मा, सूबेदार तरलोक सिंह, शिवतार सिंह, सतवीर सिंह, सुमित शर्मा, राजवीर सिंह आदि उपस्थित थे।
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