चंडीगढ़ 26 अगस्त : शिरोमणि अकाली दल और भाजपा नेताओं के लिए कृषि अध्यादेश एक समस्या बन गया है। किसानों ने केंद्र में दोनों सत्तारूढ़ दलों के नेताओं को गांवों में प्रवेश करने से रोकने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रह) के आह्वान पर, किसानों ने गांवों में नाकाबंदी शुरू कर दी है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि मंगलवार को 13 जिलों के 500 से अधिक गांवों में हजारों किसान और मजदूर अपने परिवारों के साथ धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने भाजपा और अकाली दल के नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले गांवों की मुख्य सड़कों पर बैनर लगा दिए।
किसान नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि अध्यादेशों को निरस्त करने की मांग की।
इसके अलावा उन्होंने डीजल-पेट्रोल व्यवसाय के सरकारीकरण ,करों को खत्म करने, कृषि के लिए डीजल की आधी कीमत, संघर्षरत किसानों और मजदूरों को इकट्ठा करने पर प्रतिबंध हटाने, अहलूवालिया समिति को भंग करने,स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों के लाभकारी समर्थन की भी मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि सी 2 फॉर्मूला के अनुसार कीमत तय की जाए, भूमि सीमांकन कानून को सख्ती से लागू किया जाए और बठिंडा सरकार थर्मल को बंद करने और ध्वस्त करने के फैसले को उलट दिया जाए।
Edited by :Choudhary
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