पंजाब सरकार का अध्यदेशों का विरोध, कदम किसानों की आर्थिक आजादी का विरोधी : विजय सांपला

पंजाब सरकार किसानों को आजादी से फसल बेचने का हक छीन रही है

अध्यदेशों में मंडी सिस्टम और न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पहले की तरह ही जारी रहेगा है किसान अपनी मर्जी से फसल बेचने को स्वतंत्र

होशियरपुर,30 अगस्त (चौधरी) : पंजाब विधानसभा में सरकार द्वारा मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जारी तीनों कृषि अध्यादेशों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पंजाब भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव किसान विरोधी कदम है l पंजाब सरकार पंजाब के किसानों से उनकी फसल को बेचने की आजादी छीन रही है l

उन्होंने कहा कि यह तीनों बिल किसानों के हित में लाए जा रहे हैं और यदि कोई इसका विरोध करता है तो वह किसान विरोधी है। किसानों को अपनी मर्जी से फसल को बेचने की आजादी देकर केंद्र की भाजपा सरकार ने तीन अध्यादेश पारित किए थे जिनको पंजाब सरकार ने अपनी किसान विरोधी सोच के कारण प्रस्ताव लाकर रोक दिया l पंजाब की कांग्रेस सरकार पहले से ही किसानों के विरोध में काम करती रही हैl

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब से मोदी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नए अध्यादेश लेकर आई है l तब से कांग्रेस को किसानो को गुमराह करने के काम में लगी हुई है, कांग्रेस अपने झूठे और षड्यंत्रकारी हथकंडों का इस्तेमाल करके जनता में इन नए अध्यादेशों के खिलाफ भ्रम फैला रही है l उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जो आध्यादेश लेकर आई है उससे किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी l किसान डायरेक्ट मार्केटिंग करने और अपने उत्पाद को मंडी के अतिरिक्त कही भी बेचने को स्वतंत्र होगा l

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा ही किसानों की भलाई के लिए तत्पर रही है इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश व देश का किसान अपनी फसल को स्वयं मंडियों के अलावा कहीं भी जाकर बेच सकता है। उन्होंने कहा कि देश के 8 करोड़ से ज्‍यादा किसानों के खातों में छठी किश्‍त पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” से 14 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है।

सांपला ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी सिस्टम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है। मंडी सिस्टम और न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पहले की तरह ही जारी रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं है किसान विरोधी पार्टियां केवल हमारे किसान भाइयों को झूठी बाते बताकर गुमराह करने का प्रयास कर रही है l

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