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अध्यापक सोहन लाल अत्तरी के नाम के साथ जुड़ा स्टेट अवार्डी शब्द
ज़िला बनने के बाद प्राइमरी विंग में स्टेट अवार्ड प्राप्त करने वाले पहले अध्यापक बने सोहन लाल
ज़िला हैडक्वाटर पर आनलाइन वैबीनार दौरान ज़िला आधिकारियों ने सोहन लाल को सम्मानित किया स्टेट अवार्ड के साथ
पठानकोट, 5सितम्बर (राजन ब्यूरो )
हर साल स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब की तरफ से अध्यापक दिवस के मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में सहारनीय कार्य करने वाले अध्यापकों को स्टेट अवार्ड के साथ चंडीगढ़ बुला कर सम्मानित किया जाता था। परन्तु कोरोना महामारी कारण इस साल अध्यापक दिवस पर शिक्षा मंत्री श्री विजय इंद्र सिंगला के नेतृत्व और स्कूल शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुमार की देख -रेख में ज़िला हैडक्वार्टरों में आनलाइन प्रोग्राम करवा कर स्टेट अवार्ड प्राप्त करने वाले अध्यापकों को सम्मानित किया गया।
ज़िला शिक्षा दफ़्तर पठानकोट में अध्यापक दिवस पर करवाए गए आनलाइन प्रोग्राम दौरान ज़िला शिक्षा अफ़सर सेकंडरी शिक्षा स. जगजीत सिंह, ज़िला शिक्षा अफ़सर एलिमेंट्री शिक्षा श्री बलदेव राज, उप ज़िला शिक्षा अफ़सर सेकंडरी शिक्षा श्री राजेश्वर सलारीया और उप ज़िला शिक्षा अफ़सर एलिमेंट्री शिक्षा श्री रमेश लाल ठाकुर की तरफ से सरकारी प्राइमरी स्कूल पपियाल ब्लाक पठानकोट -1 के ईटीटी अध्यापक श्री सोहन लाल अत्तरी को स्टेट अवार्ड सर्टिफिकेट और शाल दे कर सम्मानित किया गया। जिस के साथ सोहन लाल अत्तरी के नाम के साथ स्टेट अवारडी शब्द जुड़ गया। इस मौके पर सोहन लाल अत्तरी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी बाला ईटीटी अध्यापिका सरकारी प्राइमरी स्कूल बहलोलपुर, ज़िला कोआरडीनेटर एमआईएस मुनीष गुप्ता, ज़िला कोआरडीनेटर मीडिया सेल बलकार अत्तरी, एईओं स्पोर्ट्स नरिंदर लाल, अकाउंटैंट अमरजीत अत्तरी, जूनियर सहायक तरूण पठानिया, जूनियर सहायक राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।

इस मौके पर ज़िला शिक्षा अफ़सर सेकंडरी शिक्षा स. जगजीत सिंह, ज़िला शिक्षा अफ़सर एलिमेंट्री शिक्षा श्री बलदेव राज, उप ज़िला शिक्षा अफ़सर सेकंडरी शिक्षा श्री राजेश्वर सलारीया और उप ज़िला शिक्षा अफ़सर एलिमेंट्री शिक्षा श्री रमेश लाल ठाकुर ने स्टेट अवार्ड प्राप्त करने वाले अध्यापक सोहन लाल और उसके परिवार के साथ-साथ अध्यापक वर्ग को मुबारकबाद देते कहा कि
अध्यापक के पास वह कला होती है जो मिट्टी को सोना बना सकती है। किसी विद्यार्थी के लिए महान सपने की शुरूआत उस के अध्यापक से ही शुरू होती है। हर विद्यार्थी की ज़िंदगी में रोल माडल का होना बहुत ज़रूरी है, जिस से प्रभावित या प्रेरित हो कर वह अपनी ज़िंदगी को सही दिशा दे सकें। एक अध्यापक अपनी काबलीयत के साथ विद्यार्थी के दिमाग़ तक किसी बात को पहुंचा सकता है परन्तु वही बात विद्यार्थी के दिल तक उस समय उतरेगी जब एक अध्यापक विद्यार्थियों के लिए रोल माडल बने जिससे विद्यार्थी, अध्यापक की अहमीयत को समझे और उस के मुरीद हो जाएं। अध्यापक अपने विद्यार्थियों के सामने ऐसी मिसाल पैदा करें जिससे वह भी यह बात कहें कि हम अपनी ज़िंदगी में अपने अध्यापक जैसे बनना चाहते हैं।
आठ वर्षों में जिले में प्राइमरी विंग में पहला स्टेट अवार्ड।
अध्यापक सोहन लाल ने बताया कि पठानकोट को जिले का दर्जा मिले हुए 8 साल के लगभग समय हो गया है इस दौरान वह प्राइमरी विंग में जिले के पहले अध्यापक हैं जिन्होंने स्टेट अवार्ड प्राप्त किया है। उन्होंने अपने इस सम्मान पर विभाग का धन्यवाद किया और खुशी प्रकट करते कहा कि उन को इस सम्मान तक ले कर जाने में उन की धर्मपत्नी का महत्वपूर्ण रोल है जिन्होंने स्कूल को स्मार्ट बनाने और स्कूल की बेहतरी के लिए किये जाने वाले उपरालों में अपना कीमती योगदान दिया और हमेशा बच्चों के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। उन की तरफ से जब से स्कूल की बागडोर संभाली गई है तब से ही स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनके स्कूल में सभी कमरे स्मार्ट हैं और बच्चों को पढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीके प्रयोग की जाती है।
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