पंजाब राज्य सतर्कता आयोग थी समय की जरूरत : अश्वनी जोशी

पंजाब राज्य सतर्कता आयोग थी समय की जरूरत : अश्वनी जोशी
नवांशहर (CDT NEWS):
कैप्टन सरकार के पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा एक बहु-सदस्यीय सतर्कता आयोग की स्थापना भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सरकारी कर्मचारियों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए समय की जरूरत थी जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
नवांशहर से वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी जोशी का कहना है कि सरकारी तंत्र इतना भ्रष्ट हो चुका है कि उचित काम के लिए भी रिश्वत देना लगभग आवश्यक होता जा रहा है। हाल ही में स्थानीय विधायक अंगद सिंह ने भी बढ़ते भृष्टाचार पर आवाज़ उठाई है।
इसलिए, इस तरह के एक स्वतंत्र आयोग की स्थापना से सतर्कता ब्यूरो और राज्य सरकार के सभी विभागों के कामकाज पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखी जा सकेगी। जो एक स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करेगी।
यह आयोग भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और अन्य अपराधों के तहत सरकारी कर्मचारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच निर्देश या खुद ही जांच कर सकेगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में एक केंद्रीय सतर्कता आयोग कार्यरत है जिसे केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के तहत स्थापित किया गया था ताकि केंद्र सरकार किसी भी केंद्रीय अधिनियम के तहत स्थापित निगमों से संबंधित सरकारी कर्मचारियों की कुछ श्रेणियों को नियुक्त कर सके। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत अपराधों की जांच के लिए, सतर्कता आयोग केंद्रीय जांच ब्यूरो के कामकाज की निगरानी भी करता है, लेकिन वर्तमान में पंजाब राज्य सरकार के अधीन ऐसा कोई निकाय नहीं था।
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