सुखबीर बादल पंजाबियों के संघर्ष को नाकाम करने के लिए बेतुकी बयानबाज़ी कर रहा है -बलबीर सिद्धू
‘कांगे्रस सरकार पंजाब में यह किसान विरोधी कानून लागू नहीं होने देगी ’
‘अकाली दल भाजपा के साथ गठजोड़ न तोड़ कर अभी भी दोगली राजनीति कर रहा है ’
Chandigarh , 25 सितम्बर:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और श्रम मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर समूह पंजाबियों की तरफ से पंजाब और किसान विरोधी बिलों को रद्द करवाने के लिए शुरु किये गए निर्णायक संघर्ष को नाकाम करने का दोष लगाते हुये कहा है कि वह इस संघर्ष का केंद्र अपनी हिस्सेदार पार्टी भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ से हटा कर कांग्रेस की तरफ साधने के लिए बेतुकी बयानबाज़ी कर रहे हैं।
स. सिद्धू ने सुखबीर सिंह बादल को उच्च कोटी मौकाप्रस्त व्यक्ति करारते हुये कहा कि राजनैतिक मौकाप्रस्ती की इससे बड़ी उदाहरण क्या हो सकती है कि पूरे चार महीने कृषि आर्डीनैंसों की हिमायत करने के बाद जब लोगों का गुस्सा आसमान चढ़ता दिखा तो उसने झटपट गिरगिट की तरह रंग बदल कर आर्डीनैंसों का विरोध करना शुरू कर दिया। सुखबीर सिंह बादल पर दोगली राजनीति करने का दोष लगाते हुये उन्होंने कहा कि आज भी वह एक तरफ़ कृषि बिलों का विरोध कर रहा है और दूसरी तरफ़ यह बिल लाकर किसानी और पंजाब को तबाह करने के लिए आतुर भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनैतिक गठजोड़ तोडऩे को तैयार नहीं हैै।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल और उसकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल लोगों को यह कहकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि अकाली दल ने तो पहले दिन से ही इन बिलों पर ऐतराज़ प्रगटाए थे जबकि सत्य यह है कि पहले आर्डीनैंस जारी करने और फिर इन आर्डीनैंसों को संसद में पेश करने की मंजूरी देते समय केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल की हुई मीटिंगों में हरसिमरत कौर बादल ने भी इन बिलों की हिमायत की थी।
स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह दृढ़ निश्चय किया हुआ है कि किसानी और समूचे पंजाब के लिए घातक सिद्ध होने वाले इन कानूनों को पंजाब में लागू नहीं होने देंगे चाहे उनको किसी भी स्तर पर कोई भी लड़ाई क्यों न लडऩी पड़े। उन्होंने अकालियों को याद कराया कि पहले भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ही अपनी पिछली पारी में पंजाब पर ठोपे गए दरियाई पानियों संबंधी सभी समझौतों को रद्द करके सतलुज -यमुना लिंंक नहर के निर्माण को रोका था जो आज तक भी रुकी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो अकाली दल आज इन कानूनों के विरुद्ध सभी राजनैतिक पार्टियों से इकठ्ठा होकर संघर्ष करने की दुहाई दे रहा है इसी अकाली दल ने राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय मीटिंग में सभी पार्टियाँ द्वारा लाए गए प्रस्ताव का हिस्सा बनने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कहा कि पंजाब विधान सभा में इन आर्डीनैंसें को रद्द करने का प्रस्ताव पास करने के समय अकाली दल के सभी मैंबर जानबूझ कर गैरहाजिऱ हो गए थे जबकि अकालियों की हिस्सेदार भाजपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था।
स. सिद्धू ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल में केंद्र सरकार विरुद्ध लडऩे का न साहस है और न ही इरादा है, इसलिए उसे कैप्टन अमरिन्दर सिंह का नेतृत्व कबूल कर लेना चाहिए जिन्होंने इन काले कानूनों को रद्द करवाने का दृढ़ निश्चय किया हुआ है।
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