‘‘घर में सिखों के अलावा कोई नहीं था जिन्होंने मेरी दादी इंदिरा गांधी की रक्षा की – राहुल गांधी

यह पूछे जाने पर कि पंजाबी आप पर विश्वास क्यों करें तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरी अन्याय के खि़लाफ़ लड़ाई और दुखीयों की आवाज़ बनने की भावना को देखो’’
बचपन की याद को ताज़ा करते हुुए वह महसूस करते हैं कि ‘मैं पंजाब और पंजाबियों का ऋणी हूँ’
पटियाला, 6 अक्तूबर:
राहुल गांधी ने बचपन की याद को याद करते हुए कहा कि साल 1977 की सांसदीय चुनाव में जब उनकी दादी इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थी तो कैसे कुछ सिखों ने उनके परिवार की रक्षा की थी जिस कारण वह महसूस करते हैं कि वह पंजाब और पंजाबियों के कजऱ्दार हैं।
उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘घर में इन सिखों के अलावा कोई नहीं था जिन्होंने मेरी दादी की रक्षा की।’’
आज यहाँ प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान जब उनसे यह पूछा गया कि पंजाबियों को आप पर यकीन क्यों करना चाहिए तो राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब के लोगों को उनकी अन्याय के साथ जूझ रहे लोगों के साथ खड़े रहने की भावना को देखना और उनके राजनैतिक जीवन पर नजऱ डालनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पंजाबियों से बहुत कुछ सीखा है और वह पंजाबियों के जज़्बे का बहुत आदर करते हैं और वह हमेशा महसूस करते हैं कि पंजाब के लोगों के वह ऋणी हैं। उन्होंने कहा कि वह तमिलनाडु के लोगों के प्रति भी ऐसी भावना रखते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह अब पंजाब आए हैं क्योंकि वह महसूस करते हैं कि मोदी सरकार द्वारा राज्य के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है और वह हमेशा ही निर्बल और दुखों के मारे लोगों के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘शायद इसी कारण राजनीति में मुझे मार पड़ी है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि ज़मीन अधिग्रहण बिल और मनरेगा आदि के मामले में समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए लड़ते हुए उनको अक्सर पीटा और बुरा-भला बोला जाता रहा है।
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