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कोरोना के चुनौतीपूर्ण दौर में भी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों ने स्थापित किए नए कीर्तिमान
पठानकोट, 20 अक्तूबर (राजिंदर राजन ब्यूरो )
समय कितना भी विपरीत हो, मनुष्य अपनी सामर्थ्य के साथ उसको सुगम बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहता है। वर्तमान में पूरी मानव जाति कोरोना महामारी के साथ जूझ रही है। कई दिनों तक सब कुछ बंद रहने के बाद दफ़्तर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बाज़ार और अब नौवीं से बारहवीं कक्षा तक स्कूल भी खुल चुके हैं, परन्तु प्राइमरी स्कूल अब भी बंद हैं। आर्थिक सक्रियता के दबाव के कारण लाकडाउन को हटा तो दिया गया परन्तु भारत के भविष्य को ले कर समझौता नहीं किया गया। प्राइमरी स्कूल नहीं खोले गए।

कोरोना काल ने ठीक मायने में भारत को डिजिटल इंडिया बना दिया है।
पढ़ाई – लिखाई के क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभाव हुआ है। परन्तु सरकारी स्कूलों के अध्यापक चुनौतीपूर्ण हलातों में प्री – प्राइमरी से ले कर बारहवीं कक्षा तक आनलाईन कक्षाओं का सहारा ले कर नये कीर्तिमान रच रहे हैं। करोना काल में यदि हम पठानकोट जिले के भारत पाकिस्तान सीमा के सब से नज़दीक के ब्लाक बम्याल और नरोट जैमल सिंह में सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की तरफ से बच्चों को दी जा रही आनलाइन शिक्षा की बात करें तो जहां सभी ही स्कूलों के अध्यापक बहुत ही लगन और मेहनत के साथ बच्चों को आन -लाईन शिक्षा दे रहे हैं,

वहां ही स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल बहादुर पुर, ब्लाक बम्याल की अध्यापिका मोनिका शर्मा, स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल रतड़वां ब्लाक बम्याल की अध्यापिका नेहा महाजन और ब्लाक नरोट जैमल सिंह में से स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल अदालतगढ़ का अध्यापक नरेश कुमार और स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल हयाती चक्क, सैंटर तंगोशाह की अध्यापिका भावना सम्याल दृढ़ता के साथ ही करोना काल के शुरूआती दिनों से ही बच्चों के और बच्चों के अभिभावकों के वटसऐप ग्रुप बना कर रोजाना घर के कामों की वीडीओज़ बना कर भेज रहे हैं।

इन सभी अध्यापकों की तरफ से करवाई जाती रोचक शैली के साथ पढ़ाई से प्रभावित हो कर इन स्कूलों में पिछले साल की अपेक्षा इस साल दाख़िले में भी बढ़ौतरी हुई है और कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में से हटा कर सरकारी स्कूलों में दाख़िल करवाया है।

इस संबंधी जब बम्याल
बलाक में से 60 के करीब अलग -अलग विषय पर वीडियो तैयार करने वाली स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल बहादुर पुर की अध्यापिका मोनिका शर्मा के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा कुछ नया करन की चाहत होती है और इसी चाहत में लाकडाउन से पांच दिनों में ही उसने बच्चों, अभिभावकों, मिड डे मील वर्करों, जीओजी और पुराने विद्यार्थियों के वटसऐप ग्रुप बना लिए थे और वीडीओज़ बना कर भेजनीं शुरू कर दीं थीं। वीडियो तैयार करते समय उसको वीडियो अडीटिंग की समस्या आती थी जिस में ब्लाक के पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब टीम के बीएमटी अजय कुमार ने मदद की और विभाग की तरफ से भी कपैस्टी बिलडिंग की ट्रेनिंगा लगा कर इस समस्या को दूर कर दिया गया। अब बाकायदा उस की तरफ से अपने घर में वीडियो बनाने के लिए स्टूडियो रूम क्रिएट किया गया है।

इसी तरह ही स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल रतड़वां की अध्यापिका नेहा महाजन की तरफ से 50 के करीब, स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल अदालतगढ़ के अध्यापक नरेश कुमार की तरफ से 58 के करीब और स्मार्ट सरकारी प्राइमरी स्कूल हयाती चक्क की अध्यापिका भावना सम्याल की तरफ से 60 के करीब वीडियो, घर में ही अपने खर्च पर स्टूडियो तैयार करके बनाईं गई हैं।
इस संबंधी ज़िला शिक्षा अफ़सर एलिमेंट्री शिक्षा बलदेव राज और पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब कोआरडीनेटर वनीत महाजन का कहना है कि ज़िला पठानकोट के अध्यापकों ने बच्चों तक आनलाइन शिक्षा पहुंचा कर बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है। विभाग की तरफ से समय समय पर सभी ही मेहनती अध्यापकों का सम्मान किया जाता है और जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में बहुमुल्य योगदान देने वाले सभी अध्यापकों का एक समरोह आयोजित कर सम्मान किया जावेगा
SPL. REPORT WITH BALKAR ATRI
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