धरती की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने के लिए पराली को न लगाई जाए आग: डा. विनय
– किसानों व किसान ग्रुपों को कृषि विभाग करवा रहा है 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर नवीनतम खेती मशीनरी
होशियारपुर, 26 अक्टूबर (CHOUDHARY, YOGESH):
मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि धरती की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए लंबे समय तक टिकाऊ व लाभप्रद खेती बनाने के लिए धान की पराली को किसी भी कीमत पर आग न लगाई जाए। उन्होंने कहा कि कृषि व किसान भलाई विभाग की ओर से कोविड-19 को मुख्य रखते हुए जिले के किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रबी व खरीफ की फसलों से प्रति एकड़ अधिक झाड़ लेने के चलते धरती की उपजाऊ शक्ति प्रतिदिन कम होती जा रही है। ऐसे में जहां किसानों में खाद के प्रयोग के रुझान में वृद्धि हुई है वहीं फसलों में छोटे तत्वों की भी कमी आने लग पड़ी है, जिस कारण किसानों पर खेती का खर्चा बढ़ रहा है।
डा. विनय कुमार ने बताया कि धान की एक एकड़ की पराली जलाने से जमीन में से प्रति एकड़ 30 किलो यूरिया, 12.5 किलो डी.ए.पी व 104 किलो पोटास के साथ-साथ बहुत छोटे तत्व भी जल कर राख हो जाते हैं, जिसको रोकना समय की मुख्य जरुरत है। उन्होंने कहा कि कृषि व किसान भलाई विभाग की ओर से पराली को खेतों में प्रबंधन करने के लिए किसान ग्रुपों, सहकारी सभाओं व किसानों को हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, जीरो ड्रिल, एम.बी प्लोअ, चौपर कम शरैडर, मल्चर, रोटरी सलैसर, सुपर एस.एम.एस आदि नवीनतम खेती मशीनरी 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मुहैया करवाई जा रही है, जिसका किसानों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पराली को आग न लगाने संबंधी किसानों को सावधान करने के लिए जिले में 6 जागरुकता वैन होशियारपुर के अलग-अलग गांवों में चलाई जा रही है।
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