गुरु वह तेज है जो शिष्य को अंधकार से प्रकाश की और ले जाता है : महंत रघुवीर दास जी महाराज

(पूजा अर्चना करते हुए महंत रघुवीर दास जी महाराज)

दरबार श्री पिण्डोरी धाम के 14 वें द्वाराचार्य श्री महंत गोविंद दास महाराज जी की जयंती श्रदापूर्वक मनाई


गढ़दीवाला 27 अक्टूबर (चौधरी ) : दरबार श्री पिण्डोरी धाम के वर्तमान द्वाराचार्य रघुवीर दास जी महाराज जी के पावन सानिध्य पर श्री पिण्डोरी धाम के 14वें द्वाराचार्य श्री महंत गोविंद दास जी महाराज जी की जयंती समारोह श्ररदा पूर्वक मनाया गया। इस मौके पर दरबार श्री पिण्डोरी धाम में सबसे पहले सुबह पूजा अर्चना की गई।उस उपरांत सत्संग का आयोजन कियाा गया तथा बाद दोपहर को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

इस मौके पर महाराज श्री रघुवीर दास महाराज जी ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को बताते हुए कहा कि पिता पंडित श्री प्रदुमन कृष्ण जी एवं माता श्रीमती भगवती देवी संवत 2013 कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया कार्तिक मास 31 प्रविष्टे तदनुसार रविवार 27 अक्टूबर 1946 ई. को जन्म  गांव मियानी में हुआ।1 फरवरी 1979 ई.को श्री श्याम सुंदर शास्त्री जी श्री गोविंद दास नाम से श्री राम दास महाराज जी के शिष्य तथा एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित हुए।उन्हें अपने परम सतगुरु महाराज जी के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए वह आध्यात्मिक सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने में प्रयत्नशील रहते थे।

महाराज श्री जी ने श्री गीता भवन का निर्माण कार्य आरंभ किया व और भी कई सामाजिक और भलाई कार्य किए। उन्होंने दीनानगर में योगीराज भगवान नारायण सर्वहितकारी विद्यालय बनाकर दीनानगर की जनता का भी उद्धार किया ।उन्होंने अपने प्रवचनों में गुरु की महिमा के बारे में बताया कि गुरु एक तेज है जो शिष्य को अंधकार से प्रकाश की और ले जाता है। गुरु वो ज्ञान है जो पांचों तत्व एक हो जाते है।गुरु का सत्संग वहः कृपा है जो कुछ ही सत्य शिष्यों को मिलती है । इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि कोविडसरकार की हदयतों की पालना अवश्य करें । 

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