नम आंखों से किया परमवीर चक्र विजेता की शहादत को नमन

(शहीद कैप्टन गुरबचन सलारिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए विधायक जोगिन्द्र्र पाल, कुंवर रविन्द्र विक्की व अन्य)

शहीद कैप्टन गुरबचन सलारिया जैसे जांबाजों के शौर्य व बलिदानों के सदके बरकरार है राष्ट्र की एकता व अखंडता : विधायक जोगिन्द्र पाल

पठानकोट 6,दिसम्बर(राजिंदर सिंह राजन /अविनाश) : स्वतंत्र भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया का 59वां श्रद्धांजलि समारोह प्रिंसीपल बलविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में शहीद के नाम पर बने सरकारी सी.सै.स्मार्ट स्कूल गांव जंगल में आयोजित किया गया। जिसमें हल्का विधायक जोगिन्द्र पाल बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के भतीजे सूबेदार कर्ण सिंह, पौत्र सुशांत सलारिया, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, डी.ई.ओ एलीमेंटरी बलदेव राज, ब्लॉक समिति की वाईस चेयरपर्सन बेबी रानी, स्कूल सी.एम.सी के चेयरमैन दलबीर सिंह,स्टेट आवार्डी लेक्चरर सिद्धार्थ चन्द, प्रिंसीपल बलवीर सलारिया, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्दर सिंह के पिता सतपाल अत्री आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन भेंट किए। शहीद की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरान्त आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि विधायक जोगिन्द्र पाल ने कहा कि शहीद कैप्टन गुरबचन सलारिया जैसे रणबांकुरों के शौर्य व बलिदानों के सदके ही आज राष्ट्र की एकता व अखंडता बरकरार है।

(शहीद कैप्टन सलारिया के परिजनों को सम्मानित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल, कुंवर रविन्द्र विक्की, प्रिं.बलविन्द्र कुमार व अन्य)

जिन्होंने दक्षिणी अफ्रीका की विदेशी धरती पर बहादुरी का परचम फहराते हुए दुश्मन के 40 विद्रोहियों को मार कर जिस शूरवीरता का इतिहास रचा उसकी मिसाल विश्व में बहुत कम देखने को मिलती है तथा आज भी इस क्षेत्र के युवा इस अमर योद्धा की शहादत रूपी मशाल को अपने दिल में प्रज्वलित करके भारतीय सेना में भर्ती हो कर अपने क्षेत्र के इस महान योद्धा के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देशवासी आजादी की जिस खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह आजादी कैप्टन सलारिया जैसे जांबाजों की अमानत है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वह जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उसने सबसे अधिक शहीद इस देश को दिए हैं। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने जगह जगह शहीदों की याद में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करने का जो बीढ़ा उठाया है, उनकी इस देशभक्ति के जज्बे को मैं दिल से सैल्यूट करता हूं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 1 जनवरी को शहीद कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया के यादगीरी गेट के अलावा उनके हलके के अन्य शहीदों की याद में गेटों का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा।

शहीदों के लहू से प्रज्वलित है आजादी की शमां : कुृंवर विक्की

परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि आजादी की शमां शहीदों के लहू से प्रज्वलित है, जिसकी लौ में देशवासी चैन की नींद इस लिए ले रहे हैं, क्योंकि सरहद पर शहीद कैप्टन गुरबचन सलारिया जैसे जांबाज सैनिक मुस्तैदी के साथ डयूटी निभाते हुए दुश्मन की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहीद कभी नहीं मरता, हमेशा अमर रहता है, मगर एक शहीद की मौत तब होती है,जब देशवासी उसकी शहादत को भुला देते हैं। उन्होंने कहा शहीदों के नाम पर बने स्कूलों का रूतबा एक मन्दिर के समान होता है तथा स्कूल के प्रिंसीपल व अध्यापक खुशकिस्मत हैं जिन्हें इस स्कूल में शिक्षा देने का गौरव प्राप्त हुआ है। स्कूल के प्रिंसीपल बलविन्द्र कुमार ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि जिस विद्यालय की वह सेवा कर रहे हैं, उसका नाम एक महान शहीद के नाम पर जुड़ा हुआ है। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित अन्य मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर परशोतम सलारिया, राजिन्द्र भंडारी, सूरत सिंह, केवल सिंह, लेक्चरर सुरिन्द्र सिंह रंधावा, अश्विनी कुमार, सुरिन्द्र सिंह, पूनम जसरोटिया, कुलदीप कुमार, ठाकुर सुभाष सिंह आदि उपस्थित थे।

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