लहू देकर तिरंगे की बुलंदी को संवारा है, फरिश्ते हो तुम वतन के सलाम तुम्हें हमारा है…

(शहीद मेजर कुलबीर सिंह के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्वलित करते हुए उनकी पत्नी संतोष राणा व कुंवर रविन्द्र विक्की)

देश की बहुमूल्य विरासत है शहीद मेजर कुलबीर राणा की शहादत: विधायक जोगिन्द्र पाल

पठानकोट 10,दिसम्बर(राजिंदर सिंह राजन /अविनाश) : 1971 के भारत-पाक युद्घ में शहादत का जाम पीने वाले शहीद मेजर कुलबीर सिंह राणा का 49वां श्रद्घांजलि समारोह शहीद के नाम पर बने सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल गांव तंगोशाह में प्रिंसीपल रजिन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें हलका विधायक जोगिन्द्र पाल बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की पत्नी संतोष राणा, चाची धर्मों देवी, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, डी.ई.ओ (स) वरिन्द्र पराशर, डिप्टी डी.ई.ओ राजेश्वर सलारिया आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किए।सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज किया।

(शहीद मेजर राणा को श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल)

श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल ने कहा कि शहीद मेजर कुलबीर सिंह राणा जैसे जाबांजों की शहादत देश की बहुमूल्य विरासत है, देश की भावी पीढ़ी को चाहिए कि इस विरासत को अपने दिल में संजोकर रखते हुए शहीदों के सपनों को साकार करने का संकल्प लें।उन्होंने कहा कि जो भी इंसान किसी भी ऊंचे मुकाम तक पहुंचता है, उसकी कामयाबी के पीछे उसके माता-पिता का बहुमूल्य योगदान व आशीर्वाद होता है तथा शहादत का जज्बा भी परिवारिक संस्कारों से ही पैदा होता है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई राजनेता है, प्रशासनिक अधिकारी है या देश का आम नागरिक हो, उसे चाहिए कि मेजर राणा जैसे शूरवीरों की राष्ट्रभक्ति व बलिदान से प्रेरणा लेकर अपना काम ईमानदारी से करते हुए देशभक्ति की मिसाल कायम कर आदर्श समाज की सृजना में योगदान दें।

(शहीद मेजर कुलबीर राणा की धर्मपत्नी संतोष राणा को सम्मानित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल, कुंवर रविन्द्र विक्की व डी.ई.ओ वरिन्द्र पराशर व अन्य)

राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देने वाले मरते नहीं अमर हो जाते हैं : डी.ई.ओ

डी.ई.ओ (सैकेंडरी) वरिन्द्र पराशर ने कहा कि मृत्यु एक अटल सच्चाई है, मगर देश सेवा व राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देने वाले मरते नहीं अमर हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि शहीद के नाम पर बने इस स्कूल में आकर इस शहीदी कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।शहीदों की याद में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद का यह प्रयास सराहनीय है। इससे जहां शहीद परिवारों का मनोबल बढ़ता है, वहीं छात्रों में देशभक्ति का संचार होता है।
शहादत के 49 वर्षों बाद भी प्रज्वलित है मेजर राणा द्वारा जलाई देशभक्ति की मशाल:कुंवर विक्की
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि मेजर कुलबीर सिंह राणा की शहादत के 49 वर्षों बाद भी उनकी शूरवीरता व देशभक्ति की मशाल आज भी प्रज्वलित है, जिसकी लौ से प्रेरित होकर इस क्षेत्र की युवा पीढ़ी भारतीय सेना की शोभा बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि वह शहीद मेजर राणा की पत्नी संतोष राणा के त्याग के समक्ष भी नतमस्तक हैं, जिन्होंने शादी के 9 महीनों बाद सिर्फ एक महीना पति के साथ रहने के बाद अपना सुहाग देश की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया व सारी उम्र त्याग की मूर्त बन अपने पति की शहादत को दिल में संजोकर गुजार दी। इसलिए सभी गांववासी इन्हें एक देवी की तरह पूजते है। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद की पत्नी संतोष राणा सहित 10 अन्य शहीद परिवारों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।इस मौके पर प्रिंसीपल राजिन्द्र सिंह ने आए मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह हमेशा एक नौकर बनकर इस स्कूल की सेवा कर मेजर राणा की शहादत की गरिमा को बहाल रखेंगे। इस मौके पर सरपंच सुलक्खन सिंह, लैक्चरार दलबीर सिंह, नंबरदार रछपाल सिंह, बलराम सिंह, मास्टर सुशील सिंह, प्रभात सिंह, दलेर सिंह, संजीव सलारिया, विक्रम सलारिया, मलकीत सिंह शाला, रजिन्द्र सिंह, रणजीत सलारिया, शशि पाल सैनी, वाइस प्रिंसीपल विनय कुमार, मैडम कल्पना, मीनाक्षी, सुनैना, सूबेदार खजान सिंह, जोगिन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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