सिंघू बार्डर DELHI LATEST NEWS: मोदी सरकार सिर्फ यह काले कानून लागू कर अडानी अंबानी व अन्य बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जुटी : बोपाराय

हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश व उतरांखंड से भी लाखों की  संख्यां में किसान सिंघू बार्डर के ईलावा टिकरी बार्डर, नोयडा बार्डर व गाजियाबाद बार्डर पर लाखों की संख्यां में किसान डटे हुए है। यह दुनिया का पहला अंदोलन है यहां पर किसान शांतमई तरीके से बैठे हुए है और किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जा रही। वलंटियर स्थानीय लोगो को, अैबूलेंसों, विदेश, विवाह समागमों जैसे जरूरी कामों को जाने वाले लोगो के वाहनों को खुद निकलने में सहायता प्रदान करते है।

मोदी सरकार सिर्फ यह काले कानून लागू कर अडानी अंबानी व अन्य बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जुटी : बोपाराय
पंजाब से हजारों ट्रैकटर ट्रालियों व गाडिय़ों में लाखों की संख्यां में किसान सिंघू बार्डर पर इन काले कानूनों व विधेयकों के खिलाफ डटे हुए
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश व उतरांखंड से भी लाखों की संख्यां में किसान सिंघू बार्डर के ईलावा टिकरी बार्डर, नोयडा बार्डर व गाजियाबाद बार्डर पर लाखों की संख्यां में किसान डटे
श्री गुरू रविदास गुरूदारा साहिब न्यूयोरक, यूएसए के प्रधान अशोक माही उर्फ बिल्ला दुारा भेजी गई पांच सौ कंबलियांं (लोईयां) सिंघू बार्डर में अंदोलनकारियों को वितरित की
 

गढ़शंकर (आदेश , अश्वनी ): कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए और बिजली संशोधन 2020 व पराली जलाने से संबधित विधेयक को वापिस करवाने के लिए चल रहे किसान अंदोलन में हिस्सा लेने के लिए गत तीन दिन से सिंघू बार्डर पर अपने साथियों सहित पहुंचे आल इंडिया जाट महासभा के पंजाब के महासचिव अजायब सिंह बोपाराय , वायस आफ दा पीयुप्ल के राकेश कुमार व रघुवीर सिंह बीरा ने कहा कि मोदी सरकार दुारा बनाए तीनों काले कृषि कानून किसानों मजदूरों सहित सभी के लिए खतरनाक है। मोदी सरकार सिर्फ यह काले कानून लागू कर अडानी अंबानी व अन्य बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जुटी है।  इसी कारण पंजाब से हजारों ट्रैकटर ट्रालियों व गाडिय़ों में लाखों की संख्यां में किसान सिंघू बार्डर पर इन काले कानूनों व विधेयकों के खिलाफ डटे हुए है।


              उन्होंने कहा कि इसके ईलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश व उतरांखंड से भी लाखों की  संख्यां में किसान सिंघू बार्डर के ईलावा टिकरी बार्डर, नोयडा बार्डर व गाजियाबाद बार्डर पर लाखों की संख्यां में किसान डटे हुए है। यह दुनिया का पहला अंदोलन है यहां पर किसान शांतमई तरीके से बैठे हुए है और किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जा रही। वलंटियर स्थानीय लोगो को, अैबूलेंसों, विदेश, विवाह समागमों जैसे जरूरी कामों को जाने वाले लोगो के वाहनों को खुद निकलने में सहायता प्रदान करते है। पूरे अंदोलन में सभी जाति धर्म से ऊपर उठकर अंदोलन में जुटे है और केंद्र सरकार के मंत्रियों व सोशल मीडिया पर किसानों को बदनाम के करने के लिए फैलाए जा रहे झाूठ का पर्दाफाश करने के लिए किसानों ने सैकड़ो वाहनों पर बैनर और किसानों दुारा अपने पहने हुए कपड़े पर सिटकर लगाए हुए है कि हम किसान है आतंकवादी नहीं।

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उन्होंने कहा कि सैकड़ो लंगर चल रहे है और अलग अलग तरह का खाने पीने का समान के ईलावा अन्य रोजाना जरूरत का सम्मान समाज सेवी व धार्मिक संगठनों दुारा किसानों व अन्य वहां आने वाले सभी लोगो को उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दुारा अंदोलन के खिलाफ तरह तरह की सजिशें रचने को किसान समझा चुके है और इसलिए अव किसान शंतमई तरीके से अंदोलन करते हुए केंद्र सकरार के नाक में दम कर चुके है। उन्होंने कहा कि किसान मन बना चुके है कि जव तक केंद्र सरकार कालू कृषि कानून रद्द नहीं करती और दोनों विधेयक वापिस नहीं लेगी अंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि श्री गुरू रविदास गुरूदारा साहिब न्यूयोरक, यूएसए के प्रधान अशोक माही उर्फ बिल्ला दुारा भेजी गई पांच सौ कंबलियांं (लोईयां) सिंघू बार्डर में अंदोलनकारियों को वितरित की। राणा दनिंद्र सिंह हैप्पी नारवे, दलजीत कुमार, हरजिंद्र सिंह, कुलविंदर सिंह, सुखजीत सिंह आदि भी गढ़शंकर से गई टीम में शामिल है।

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