पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फिर से स्कूल खोलने सम्बन्धी एस.ओ.पीज़ जारी
ऑनलाईन शिक्षा होगी शिक्षण की पसंदीदा विधि, क्लासों में निजी हाजिऱी लाजि़मी नहीं – विजय इंदर सिंगला
चंडीगढ़, 6 जनवरी:
राज्य में स्कूल फिर से खोलने के फ़ैसले के बाद शिक्षा विभाग ने कोविड-19 के मद्देनजऱ विद्यार्थियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों के स्कूलों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि स्कूल फिर से खोलने संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश सभी जि़ला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल अधिकारियों को भेजे गए हैं जिससे विद्यार्थियों द्वारा क्लासों में जाते समय इन एसओपीज़ के यथावत पालन को यकीनी बनाया जा सके।
श्री सिंगला ने आगे कहा कि हालांकि स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है परन्तु ऑनलाइन शिक्षा ही अध्यापन की पसंदीदा विधि रहेगी और सभी विद्यार्थियों की हाजिऱी लाजि़मी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अध्यापक पहले ही ऑनलाइन क्लासें ले रहे हैं और अगर कुछ विद्यार्थी निजी तौर पर उपस्थित होने की जगह ऑनलाइन क्लासें लगाने को ही प्राथमिकता देते हैं तो वह ऐसा कर सकेंगे। विद्यार्थी अपने माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही स्कूलों में जाकर क्लासें लगा सकेंगे।
श्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि माता-पिता को यह बात यकीनी बनानी होगी कि उनका बच्चा मास्क पहनकर ही स्कूल जाये और वह दूसरों के साथ मास्क की अदला-बदली न करे। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को सार्वजनिक स्थानों के सम्पर्क में आने से बचने के लिए पूरी बाजुओँ वाले कपड़े पहनने के लिए भी उत्साहित करें।
श्री सिंगला ने कहा, ‘‘यदि स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या ज़्यादा है और सामाजिक दूरी का मापदंड बरकरार नहीं रखा जा सकता तो उस मामले में स्कूल प्रमुख/मैनेजमेंट अपने स्तर पर दो शिफ़टों में क्लासें लेने या वैकल्पिक दिनों में विद्यार्थियों को बुलाने बारे अपने स्तर पर फ़ैसला ले सकते हैं।’’
श्री सिंगला ने कहा कि कंटेनमेंट जोन से सम्बन्धित विद्यार्थियों और स्टाफ को स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थाओं में आने की कोई ज़रूरत नहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सिफ़ारिशों के मुताबिक बुज़ुर्ग, गर्भवती और अन्य मुलाजिमों, जिनको मैडीकल हालत के कारण अधिक एहतियात रखने की ज़रूरत है, को सलाह है कि वह विद्यार्थियों के साथ सीधे संपर्क की ज़रूरत वाले काम को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह बात भी यकीनी बनाएं कि स्कूलों में पैरों से चलने वाली हाथ धोने वाली मशीनें और संपर्क रहित थर्मोमीटर, साबुन आदि उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्कूल बसों और वैनों को चलाने से पहले उनकी सैनेटाईजेशन और इनमें विद्यार्थियों के बीच सामाजिक दूरी यकीनी बनाएं।
शिक्षा मंत्री ने कि कक्षाओं में विद्यार्थियों की सीटों के बीच 6 फुट की दूरी पर निशान बनाए जाएँ और इसी तरह स्टाफ रूम, दफ़्तर, होस्टलों और अन्य स्थानों पर भी सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाये। उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट उचित स्थानों पर विद्यार्थियों को सामाजिक दूरी बरकरार रखने की याद दिलाने वाले पोस्टर/संदेश /स्टिकर और सूचक लगाना यकीनी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में ऐसी गतिविधियां न करवाई जाएँ जिनमें सामाजिक दूरी संभव न हो। हलांकि स्कूलों में प्रार्थनासभा भी कक्षाओं या खुले स्थानों या जहाँ स्थान उपलब्ध है और हॉल में ही अध्यापकों की हाजिऱी में करवाई जाए।
——–
EDITOR
CANADIAN DOABA TIMES
Email: editor@doabatimes.com
Mob:. 98146-40032 whtsapp
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements