LATEST NEWS: मंत्री अरोड़ा मुझ पर निजी कटाक्ष करने की बजाय घपले  के आरोपों का ठोस स्पष्टीकरण दें: तीक्ष्ण सूद

मंत्री अरोड़ा मुझ पर निजी कटाक्ष करने की बजाय घपले  के आरोपों का ठोस स्पष्टीकरण दें: तीक्ष्ण सूद

भ्रष्टाचार के आरोपों में  घिरे मंत्री  शाम सुंदर अरोड़ा के खिलाफ सीबीआई व परावर्तन निर्देशालय   द्वारा जांच की मांग भाजपा ने  फिर रखी:

होशियारपुर  (9 जनवरी, दीपक, विजय  ) आज भाजपा के  वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री श्री तीक्ष्ण सूद तथा  भाजपा जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा,प्रदेश पंचायती राज प्रदान विजय  पठानिया, महामंत्री विनोद परमार,जिला उपाध्यक्ष सतीश बावा,सुरेश भाटिया,राकेश सूद,रमेश ठाकुर मेशी, सुखवीर सिंह नंदन, शिव कुमार काकू, कमल वर्मा, जीवेद सूद , तरुण अरोड़ा  ने  पंजाब के उद्योग विभाग में व्यापत  भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उद्योग विभाग जिसके मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा है उनकी मिलीभगत से  उद्योग  विभाग भ्रष्टाचार  का अड्डा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग के  विभिन्न निगमों और बोर्डों  में व्यापत  भ्रष्टाचार से सरकार को सैकड़ों,करोड़ रुपए का  चूना लग  रहा है।
 
जमीन बेचने के लिए तय  किए जाने वाले आरक्षित मूल्य  अपनी मर्जी से रखे जा रहे हैं , जैसे कि मोहाली में जो व्यापारिक प्लाट 15 साल पहले 62000 प्रति वर्ग गज रिजर्व कीमत पर बेचे गए थे,अब उससे भी अच्छी जगह पर स्थित प्लाटों की रिजर्व कीमत ₹25000 प्रति वर्ग गज रखी है ताकि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया जा सके।  प्लाट बेचने में भी बहुत सी अनियमिततांए सामने आ रही  हैं। कुछ समय पहले  ही प्लाट नंबर 32 फोकल प्वाइंट फेज नंबर 8 मोहाली जोकि इन्फोटेक ने उद्योगिक  गतिविधियों के लिए जेसीटी इलेक्ट्रॉनिक ने 1984 में अलाट  किया था तथा उसमें आधे हक इन्फोटेक के थे को उद्योग विभाग के पीएसआईसी निगम द्वारा बेचने में बड़ा घपला सामने आया है। जिसमें इन्फोटेक को 350  करोड़ से भी अधिक चूना लगा तथा इसमें मंत्री जी की  संलिप्तता के भी सबूत सामने आ रहे हैं।इसके बारे में दिनांक 7 जनवरी को भाजपा कार्यालय चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करके सबूतों समेत इस बहुकरोड़ी  घोटाले की परते खोली गई थी।
 
बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करने वाले त्थयों  का जवाब देने की बजाये  मंत्री जी ने मुझ पर प्रेस के जरिए निजी हमले किए तथा लाइव  डिटेक्टर टेस्ट से जांच करवाने की पेशकश की, हम मंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि क्या बिना किसी जांच एजेंसी को केस  सोंपे  लाइव डिटेक्टर टेस्ट संभव होगा। अब तो इस मामले को  श्री वीर दविंदर सिंह, आम आदमी पार्टी के सरदार हरपाल सिंह चीमा ने भी  उठा दिया है। आप किन-किन को लाइव  डिटेकटर टेस्ट करवाओं गे। मंत्री जी जवाब दे कि  कोरोना  के कारण लगे सख्त कर्फ्यू में 26 मार्च 2020 को इस घोटाले वाली बोली को मंजूरी क्यों दी गई, जबकि उन दिनों कोरोना राहत से संबंधित कामों के अतिरिक्त कोई अन्य सरकारी व प्राइवेट दफ्तरी काम नहीं हो रहा था।
 
इस केस में सिंगल बोली  को मंजूरी देने की इतनी आवश्यक जरूरत क्या थी, यह भी बताएं कि बोली के लिए जो इश्तेहार 4-1-2020 को  21 जनवरी को बोली करवाने के लिए निकाला गया था उसमे  संशोधन करके बोली की तरीख 17-02 -2020 तक क्यों बढ़ाई गई तथा इस दौरान 31-01-2020 को इस बोली के लिए जो विशेष रूप से बनाई गई फर्म जीआरजी जो  31-01-2020 को स्थापित हुई की सिंगल बीड बोली  क्यों छोड़ी गई, यह भी बताना होगा कि इन्फोटेक की मीटिंग जिससे बोली को मंजूरी देनी थी, उसको दो बार स्थगित क्यों किया गया तथा वित्ती सलाहकार की राय क्यों नहीं मानी गई, जिसमें उसने एजी से राय तथा वित्त विभाग से मंजूरी लेने की बात कही, ऐसे और भी बहुत से प्रश्न हैं जिनके उत्तर सीबीआई तथा ईडी  की जांच से बाद ही सामने आएंगे, जिससे पता चलेगा कि मंत्री जी निर्दोष हैं या घोटाले में संलिप्त है। भाजपा नेताओं ने इस घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग  को फिर से दोहराया तथा मुख्यमंत्री से अपील की कि  इस मामले में क्लीन चिट ना देकर टेस्ट केस के तौर पर मंत्री अरोड़ा को बर्खास्त करके जांच के लिए सीबीआई तथा ईडी को सौंपे।
 
 
 
 
 
 
 
 
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