LATEST : शिवसेना हिंसा का समर्थन नहीं करती, भाजपा यह कृषि बिल बापिस ले, वरना इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भूगतना पडेगा – राज्य उप्पाध्यक्ष रणजीत राणा

होशियारपुर (आदेश , कारन लाखा ) आज शिवसेना कार्यालय कमेटी बजार से शिवसेना राज्य उप्पाध्यक्ष रणजीत राणा की अध्यक्षता में शशी डोगरा , परमजीत सिंह पाला , संदीप जप्पडा  , कर्ण श्रीवास्तव , सूरज भाटिया व नरिन्द्र बाघा द्वारा प्रैसनोट जारी किया गया .

इस अवसर पर रणजीत राणा ने कहा कि पिछले तीन महीनों से किसानों द्वारा जारी आंदोलन से निबटने में भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह फेल हुई अब  इस आंदोलन को दबाने के लिए अब तरह तरह की साजिशें रचने के बावजूद जब आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो 26 जनवरी को केन्द्र सरकार ने जानबूझकर पुलिस प्रबन्धों में ढील देकर किसानों को लालकिले की तरफ जाने दिया ताकि  किसान आक्रोशित होकर हिंसक हो जाएँ जिससे उनका आंदोलन बदनाम हो और भाजपा उसकी आड़ में आंदोलन को दबाने में कामयाब हो जाएँ इन हथकण्डो से जब किसानों की ऐकता को ना तोड़ सकी तो भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को भड़का कर आज किसानों को सिंगू बार्डर पर घेर कर देश में दंगे करवाने की कोशिश शुरूआत कर दी है जिसकी जितनी भी  निंदा की जाए कम है एक तरफ पुलिस के सामने पथराव हो रहा  है .

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आंसूगैस के गोले चलाए जा रहे हैं देश और किसान आक्रोशित हैं देश की बदनामी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हो रही  है जबकि किसानों के साथ साथ देश का हर नागरिक व किसान चाहता है कि कृषि कानून रद्द हो परन्तू कि  देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना रखिए है और जानबूझकर मौन रहकर देश कि विनाश होते देख रहे हैं

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. इससे पहले कि देश में  गृहयुद्ध पैदा  हो मोदी  जी को समय की जाकर को समझते हुए कृषि कानून को वापिस लेना चाहिए । भारतीय जनता पार्टी को मान लेना चाहिए कि बिना बहस के संसद में  पास कानून लागू कर उससे गलती हुई है. शिवसेना हिंसा का समर्थन नहीं करती परन्तु किसानों की मांगों को तुरन्त मान कर भाजपा यह कृषि बिल बापिस ले वरना इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भूगतना पडेगा

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