Latest News :- लड़कियों व महिलाओं को आत्म निर्भर बना रहा है रु रल सैल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट: अपनीत रियात

लड़कियों व महिलाओं को आत्म निर्भर बना रहा है रु रल सैल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट: अपनीत रियात
– इंस्टीट्यूट में अब तक 4057 महिलाओं को विभिन्न रोजगारन्मुखी कोर्सों का दिया जा चुका है प्रशिक्षण, 2382 को किया पैरों पर खड़ा
होशियारपुर,  29 जनवरी (आदेश, करण लाखा) :- जिले में लड़कियों व महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों के चलते आज हजारों महिलाएं आत्म विश्वास से लबरेज अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी है। इस पहल में जिले पी.एन.बी. रु रल सैल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(आर.एस.ई.टी.आई) ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि आर.एस.ई.टी.आई से 1 जनवरी 2013 से लेकर अब तक 4057 महिलाओं को विभिन्न रोजगारमुखी कोर्सों की ट्रेनिंग दिलावाई जा चुकी है और इनमें से 2382 महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो चुका है।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक कुल 181 महिलाओं को अलग-अलग कोर्सों की ट्रेनिंग दी गई है जिनमें से 64 में अपना स्व रोजगार शुरु कर लिया है। उन्होंने महिलाओं व नौजवानों को अपील करते हुए कहा कि आर.एस.ई.टी.आई की ओर से करवाए जा रहे व्यवसायिक कोर्स कर वे भी अपने पैरों पर खड़े होकर स्व रोजगार को अपनाए।

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    अपनीत रियात ने बताया कि इस इंस्टीट्यूट में सामान्य उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण दिया जाता है जहां प्रशिक्षु को विभिन्न व्यावसायिक तकनीके सिखाई जाती है, जिसमें उद्यमिता क्षमताओं की आवश्यकता, समस्या निवारण तकनीक, मार्केटिंग मैनेजमेंट, जोखिम लेने और लक्ष्य सेटिंग और आत्मविश्वास विकसित करना आदि प्रमुख है। इस ट्रेनिंग को करने के बाद प्रशिक्षु को नई ऊर्जा मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
डायरेक्टर आर.एस.ई.टी.आई  के.जी. शर्मा ने बताया कि संस्थान की ओर से महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लरमैनेजमेंट, टेलरिंग,  कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग,  ड्रैस डिजाइनिंग, डेयरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट मेकिंग, पापड़, पिकल एंड मसाला पाउडर मेकिंग आदि प्रमुख कोर्स करवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान की ओर से कोर्स करवाने के बाद संबंधित महिला व लडक़ी को स्व रोजगार से लिए पे्ररित किया जाता है और अगर उसके पास पर्याप्त धन राशी न हो तो उसे संबंधित बैंक से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत ऋण दिलवा कर काम शुरु करवाया जाता है।

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