शाहपुरकंडी बांध परियोजना पर 621 करोड़ मे पावर हाऊस बनाने की मिली अनुमति
2022में पूरा होगा डैम प्रोजेक्ट का कार्य
पाकिस्तान केा जाने वाले पानी पर भी लगेगी रोक,
2025 से 206 मैगावाट बिजली का होगा उत्पादन
पठानकोट (जुगियाल) केके हैप्पी
चंडीगढ़ मे ओमिल जेवी कपंनी के कार्यपालक डायरेक्टर भरत कोठारी को ठेका समझौता देते हुए पंजाब जल स्त्रोत मंत्री एसएस सरकारिआ साथ मे चीफ इंजीनियर एसके सलूजा, आरएस बूटर, एन के जैन, शाहपुर कंडी बांध के अभियंता हैड क्वाटर लखविंदर सिंह।
बहुउद्देश्यीय 600 मैगावाट रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी 206 मैगावाट शाहपुरकंडी बांध प्रोजेक्ट को पूरा करने की सभी औपचारिकताएं आखिरकार पूरा हो गई हैं।
621 करोड़ रुपये खर्च कर, बांध परियोजना पर बनने वाले पावर हाऊस की अनुमति मिल गई हैं। इस अनुमति के मिलने के बाद अब इस कार्य के शुरु होने में विगत लंबे अर्से से आ रहे सभी विघन भी दूर हो गए हैं। करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में दो पावर हाऊस बनाएं जाएंगे। इसमें पावर हाऊस नम्बर-1 में 33-33 मैगवाट की तीन मशीनें स्थापित की जाएगी जबकि पावर हाऊस दो में 33-33 मैगावाट की तीन मशीनों के साथ-साथ 8 मैगावाट की एक अतिरिक्त मशीन स्थापित कर 206 मैगावाट बिजली उत्पन्न की जाएगी।
शाहपुर कंडी मे जानकारी देते हुये बांध परियोजना के अभियंता हैड क्वाटर लखविंदर सिंह।
इस बात की जानकारी देते शाहपुरकंडी बांध परियोजना के अभियंता हैडक्वार्टर लखविंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 2022 में डैम के कार्य को सर्वप्रथम पूरा किया जाएगा। साल 2025 में पावर हाऊस तैयार करने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद झील में पानी भरने के बाद इसमें से 206 मैगावाट बिजली उत्पादन कर देश की जरुरत को पूरा किया जाएगा। बहु उद्देश्यीय फायदा ये रहेगा कि इससे जहां एक ओर पंजाब की 5000 हजार एकड़ से अधिक फसल की सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगा वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर की 32173 एकड़ जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलने के साथ-साथ हर साल पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर भी रोक लग सकेगी।
शाहपुर कंडी बांध परियोजना का चल रहा निर्माण कार्य।
3 मार्च 1979 को पंजाब के शेख अब्दुल्ला तथा प्रकाश सिंह बादल के बीच दो इकाइयां बनाने में बनी थी सहमति-
अधिकारिक जानकारी के अनुसार 3 मार्च 1979 को जम्मू-कश्मीर के सीएम शेख अब्बदुल्ला तथा सीएम पंजाब प्रकाश सिंह बादल के बीच रणजीत सागर बांध परियोजना और शाहपुरकंडी बांध में दो इकाइयां बनाने में सहमति बनी थी। इस सहमति में दोनों राज्यों का पानी और बिजली देने पर समझौता हुआ था। जिसमें वर्ष 2001 मे रणजीत सागर बांध परियोजना का कार्य निर्माण तो पूरा हो गया परंतु शाहपुरकंडी बांध परियोजना का कार्य अधर मे लटक गया। जिस कारण पड़ोसी राज्य जम्मूकश्मीर को शाहपुरकंडी बांध परियोजना के निर्माण के बाद जो पानी मिलना था, वे नहीं मिल पाया। इसी बीच साल 2008 मे कांग्रेस सरकार की ओर से आपत्ति जताई गई तथा दावा किया गया कि
पंजाब सरकार की ओर से परियोजना को समय रहते पूरा न करने के कारण जम्मू कश्मीर सरकार को 8599 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
पंजाब सरकार के पुन: प्रयास के कारण पंजाब और जम्मू कश्मीर की जमीन पर 13 मार्च 2013 को शाहपुरकंडी बांध परियोजना का निर्माण कार्य शुर हुआ पर पड़ोसी राज्य के अडियल रवैये के कारण जम्मू -कश्मीर सरकार ने अपने हिस्से की जमीन पर हो रहे शाहपुरकंडी बांध परियोजना कार्य को 1 सितंबर 2014 को बंद करवा दिया था और 7000 करोड़ रूपये की मांग कर समझौते को पुनर्जीवित करने की मांग रखी थी। पीएम हाउस और केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की दखलअंदाजी के बाद मार्च और जुलाई 2017 मे दोनों राज्यों की बैठकों के चलते 24 अगस्त 2017 को जम्मू कश्मीर सरकार ने कैबिनेट मे मंजूरी दी थी।
जिस मे पिछले समझौते की टर्म एंड कंडीशन को ही शामिल किया गया है। जिसमें भूमि अधिग्रहण का मुआवजा, बांध विस्थापितों को नौकरी और रणजीत सागर बांध परियोजना से निर्माण होने वाली बिजली मे जम्मू कश्मीर की हिस्सेदारी और जम्मू कश्मीर को 1150 क्यूसिक पानी देना शामिल है। इस परियोजना के बंद होने के बाद पंजाब में सत्तासीन उस समय की अकाली भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर मे सांझीदार भाजपा सरकार और केंद्र मे भाजपा सरकार होने का फायदा उठाते हुए पीएम हाउस की दखलअंदाजी करवाई जिस से यह सारा मामला अगस्त 2017 मे सुलझ गया। परंतु बावजूद इसके इस निर्माण कार्य को शुरु नहीं करवाई पाई।
शाहपुर कंडी बांध परियोजना की ड्राइंग।
दिन रात कार्य करवाकर जल्द पूरा किया जाएगा काम- अभियंता लखविंद्र सिंह
एग्जीक्यूटिव हैड क्वार्टर बांध परियोजना लखविंद्र सिंह ने बताया कि शाहपुरकंडी बांध का कार्य अब बिना देरी किये किया जाएगा । संभवत: 2022 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शाहपुर कंडी बांध से निकलने वाली 7700 मीटर नहर कार्य लगभग पूरा हो चुकी है तथा इस नहर पर 20 करोड़ की लागत से पुल बनवाए जाएंगे। इन पुलों की 900 मीटर, 2000 मीटर, 4760 और 5698 मीटर पर बनेगे।
शाहपुर कंडी बांध के पावर हाउस के निर्माण की उनुमति पिछले लम्बे समय से लिंबत थी। जिस का ठेका गत दिवस चंडीगढ़ मे पंजाब सरकार के जल स्त्रोत मंत्री एसएस सरकारिआ , जल स्त्रोत विभाग के प्रिंसीपल सचिव सर्वजीत सिंह, बैराज बांध के चीफ इंजीनियर एसके सलूजा, अभियंता हैड क्वाटर लखविंदर सिंह ने ओमिल कंपनी को 621 करोड़ मे दो पावर हाउस सहित सात मशीनों का निर्माण कार्य तथा शेष रहती नहर का निर्माण कार्य करने को तीन साल मे करने का ठेका अलाट किया और साथ मे ही जल्द कार्य शुरू करने को कहा। इस मौके पर ओमिल जेवी कपंनी के कार्यपालक डायरेक्टर भरत कोठारी ने आश्वासन दिया कि वह पंजाब सरकार के इस समझौते पर खरे उतरेगें।
EDITOR
CANADIAN DOABA TIMES
Email: editor@doabatimes.com
Mob:. 98146-40032 whtsapp
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements