विजीलैंस ब्यूरो ने निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अधीन बीमे के क्लेम लेने में करोड़ों रुपए की घपलेबाज़ी का किया पर्दाफ़ाश
घोटाले की गहराई से जाँच करने के लिए विजीलैंस इन्कुआरी की दर्ज: बी.के. उप्पल
बीमा कंपनी द्वारा सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम भारी मात्रा में रद्द करने के कारणों की भी होगी जाँच
चंडीगढ़, 10 मार्च:
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य के कुछ प्राईवेट अस्पतालों द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अधीन लाभार्थियों का इलाज करने के नाम पर फज़ऱ्ी डॉक्टरी बिलों के द्वारा प्रतिपूर्ति के दावों में करोड़ों रुपए की घपलेबाज़ी करके मोटी रकमों के बीमा क्लेम हासिल किए जाने का पर्दाफाश किया है। इस दौरान अधिकृत इफको टोकियो बीमा कंपनी द्वारा सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम भारी मात्रा में रद्द कर दिए गए, जिस कारण राज्य सरकार के खज़़ाने को करोड़ों का घाटा पड़ा है।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के मुख्य डायरैक्टर और डी.जी.पी. श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में चल रहे इस घोटाले की हर पक्ष से गहराई तक जाँच करने एक विजीलैंस इन्कुआरी दर्ज की गई है, जिससे इस योजना के अधीन प्राईवेट अस्पतालों द्वारा की जा रही बड़ी घपलेबाज़ी करके अपने आप को वित्तीय लाभ पहुँचाने सम्बन्धी की जा रही अनियमितताओं का पर्दाफाश किया जा सके और सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम रद्द करने के कारणों की जाँच की जा सके।
उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में दलजिन्दर सिंह ढिल्लों एस.एस.पी. विजीलैंस ब्यूरो, जालंधर रेंज जालंधर द्वारा एकत्रित की गई प्राथमिक जाँच के अनुसार आयुष्मान भारत स्कीम के अंतर्गत जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के कई बड़े नामी अस्पतालों द्वारा स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड धारकों के नाम पर मोटी रकमों के फज़ऱ्ी डॉक्टरी बिल तैयार करके बड़े स्तर पर घपलेबाज़ी करके बीमा क्लेम हासिल किए जा रहे हैं। इन तीन जि़लों में कुल 35 सरकारी अस्पताल और 77 प्राईवेट अस्पताल इस योजना के अधीन राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए गए हैं।
श्री उप्पल ने और विवरण देते हुए बताया कि प्राथमिक जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि जि़ला कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी कस्बे में चल रहे एक नामी अस्पताल (जाँच प्रभावित न हो इस कारण नाम नहीं दिया जा रहा) ने इस साल के दौरान करीब 1282 व्यक्तियों के इलाज के लिए कुल 4,43,98,450 रुपए (चार करोड़ तेतालिस लाख अट्ठावन हज़ार चार सौ पचास रुपए) का बीमा क्लेम किया गया, जिसमें से इस अस्पताल के 519 दावे रद्द हो गए और बाकी बचे मामलों में से कुल 4,23,48,050 रुपए (चार करोड़ तेईस लाख अड़तालिस हज़ार पचास रुपए) के दावे स्टेट हैल्थ अथॉरिटी पंजाब द्वारा पास किए गए हैं। पास हुई इस राशि 4,43,98,450 रुपए में से अब तक 1,86,59,150 रुपए (एक करोड़ छियासी लाख उनसठ हज़ार एक सौ पचास रुपए) की रकम की अदायगी बीमा कंपनी ‘इफको टोकियो’ द्वारा उक्त अस्पताल को की जा चुकी है।
जाँच अधीन अस्पताल की पोल खोलते हुए उन्होंने बताया कि इस नामी अस्पताल द्वारा उक्त योजना के अंतर्गत एक मरीज़ के इलाज के बदले उसके परिवार के अन्य व्यक्तियों का दाखि़ला अस्पताल में दिखा कर झूठे बीमा क्लेम हासिल किए गए हैं। प्राथमिक जाँच के अनुसार परमजीत कौर निवासी गाँव टुरना जि़ला जालंधर तारीख़ 13.09.2019 को इस अस्पताल में पित्ताश्य की पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए दाखि़ल हुई थी, परंतु कुछ निजी कारणों से उसकी तरफ से अपने पित्ताश्य की पथरी का ऑपरेशन नहीं करवाया गया और बिना ऑपरेशन करवाए अपने घर चली गई थी। परंतु इस अस्पताल द्वारा उक्त मरीज़ के ऑपरेशन का 22,000 रुपए का आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन फज़ऱ्ी बिल तैयार करके इफको टोकियो से दावा हासिल कर लिया गया।
इसी तरह के एक अन्य केस में श्रीमती सुखविन्दर कौर निवासी सिद्धूपुर पित्ताश्य की पत्थरियों का ऑपरेशन कराने के लिए इसी नामी अस्पताल में दाखि़ल हुई। उसने पंजाब सरकार द्वारा जारी हुआ अपना स्मार्ट हैल्थ कार्ड अस्पताल में दिया परंतु अस्पताल के संचालक ने कहा कि एक कार्ड के साथ आपका इलाज नहीं हो सकता, या तो आपको पहले 25000 रुपए नगद जमा करवाने होंगे या 6 से 7 स्मार्ट कार्ड लाकर दें, तभी इलाज शुरू हो सकता है। सुखविन्दर कौर के परिवार को मजबूरी में अपने परिवार के तीन अन्य सदस्यों के स्मार्ट कार्ड इस अस्पताल में जमा करवा दिए, जिसके बाद उक्त अस्पताल द्वारा सुखविन्दर कौर के पीत्ताश्य की पथरी का इलाज शुरू किया गया।
इस अस्पताल के प्रबंधकों ने अपनी घपलेबाज़ी को छिपाने के लिए सुखविन्दर कौर के पारिवारिक सदस्यों (जिनके हैल्थ स्मार्ट कार्ड लिए थे) को अस्पताल के बैड पर लेटाकर वीडियो भी बनाई गई और उनसे कोरे कागज़ों पर दस्तखत करवाए और कहा कि यदि कोई फ़ोन आए तो कहना कि हमारा ऑपरेशन हुआ है, जबकि उन तीनों को कोई बीमारी भी नहीं थी। जाँच के मुताबिक अस्पताल द्वारा सुखविन्दर कौर और उसके परिवार के सदस्यों का भी ऑपरेशन किया जाना है यह दिखा कर 25000/25000 हज़ार का दावा किया गया। जिससे यह शक ज़ाहिर होता है कि इस अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत सेहत बीमा योजना में बड़े स्तर पर घोटाला किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में जि़ला जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के नामी प्राईवेट अस्पतालों द्वारा बड़े स्तर पर इस तरह के फजऱ्ीवाड़े को अंजाम देकर इफको टोकियो बीमा कंपनी से नकली क्लेम हासिल किए गए हैं और किए जा रहे हैं।
प्राप्त आंकड़ों से और ठोस जानकारी के अनुसार जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला जि़ले के 77 प्राईवेट अस्पतालों के 4,828 दावा इफको टोकियो हैल्थ इंशोरैंस कंपनी द्वारा पिछले एक साल के दौरान संदिग्ध होने पर रद्द किए गए हैं। इन रद्द किए गए दावों की कुल राशि 5,59,96,407 (पाँच करोड़ उनसठ लाख छयानवे हज़ार चार सौ सात रुपए) बनती है। इतने बड़े स्तर पर इन दावों का संदिग्ध होना विजीलैंस ब्यूरो की जाँच के दायरे में लाया गया है।
इसके अलावा जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला जि़ले के 35 सरकारी अस्पतालों के 1,015 दावे इफको टोकियो हैल्थ इंशोरैंस कंपनी द्वारा पिछले एक साल के दौरान रद्द किए गए हैं। इन रद्द हुए दावों की कुल राशि 52,06,500 (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) बनती है। सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज के क्लेम रद्द होना भी अपने आप में हैरानी भरा है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज का क्लेम किसी व्यक्ति विशेष को न जाकर राज्य सरकार के खाते में जाता है।
श्री उप्पल ने बताया कि इस जाँच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इफको टोकियो बीमा कंपनी द्वारा जि़ला जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के कई सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम सम्बन्धी जि़ला डिप्टी मैडीकल कमिश्नरों और सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही के कारण भारी मात्रा में रद्द किए गए हैं, जिसका मुख्य कारण बीमा कंपनी द्वारा सरकारी अस्पतालों के क्लेम रद्द करके कम से कम राशि बतौर क्लेम सरकारी अस्पतालों के खातों में न डालना और अधिक से अधिक अनचाहा वित्तीय लाभ लेना हो सकता है। ऐसा होने के कारण पिछले करीब एक साल के दौरान अब तक कुल 52,06,500 रुपए (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) की राशि जोकि पंजाब सरकार को बतौर दावा मिलनी चाहिए थी, नहीं मिली है और स्टेट हैल्थ अथॉरिटी की लापरवाही के कारण सरकारी अस्पतालों के कई क्लेम रद्द हो चुके हैं, जिस कारण उपरोक्त तीनों जि़लों में ही केवल एक साल के दौरान पंजाब सरकार को करीब 52,06,500 रुपए (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) के वित्तीय घाटे का अनुमान है। इसके अलावा अन्य प्राईवेट अस्पतालों द्वारा इस सेहत बीमा योजना के अधीन क्लेम किए गए करोड़ों रुपए भी संदिग्ध तौर पर जाँच के दायरे में हैं।
क्या है आयुष्मान भारत योजना
वर्णन योग्य है कि तारीख़ 20.08.2019 को शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के 10 करोड़ से ज़्यादा गरीब/ज़रूरतमंद ग्रामीण और शहरी परिवारों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। भारत सरकार द्वारा इस योजना के लिए 60 प्रतिशत और राज्य सरकारों द्वारा 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता के तौर पर बतौर प्रीमियम इफको टोकियो कंपनी को दी जाती है। पंजाब राज्य में यह योजना सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन चल रही है, जिसके अनुसार लगभग 1000 रुपए की रकम राज्य सरकार की तरफ से बतौर प्रीमियम प्रति परिवार इस बीमा कंपनी को सालाना अदा की जा रही है। इस सम्बन्धी पंजाब सरकार द्वारा गरीब/ज़रूरतमंद परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है। इस स्मार्ट कार्ड के द्वारा उस व्यक्ति को या उसके परिवार के मैंबर को यदि कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो वह इस स्कीम के अधीन अस्पताल में दाखि़ल होकर 5,00,000 रुपए तक का इलाज मुफ़्त करवा सकता है। इस योजना की निगरानी स्टेट हैल्थ अथॉरिटी, पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कर रहा है।
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CANADIAN DOABA TIMES
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