पंजाब के 16 शहरों में 55.92 लाख मीट्रिक टन अवशेष के बायो-प्रबंधन के लिए 475 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को मंज़ूरी – विनी महाजन
चंडीगढ़, 15 मार्च:
राज्य के 1 लाख से अधिक आबादी वाले 16 बड़े शहरों में अवशेष का अब बायो-प्रबंधन किया जाएगा। इस मंतव्य के लिए 475.06 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को मंज़ूरी दी गई है।
इस सम्बन्धी आज यहाँ मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी (एचपीसी) में विस्तृत प्रोजैक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम मंज़ूरी दी गई।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट के अधीन लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, बठिंडा, मोहाली, मोगा, पटियाला, खन्ना, होशियारपुर, मालेरकोटला, अबोहर, बटाला, पठानकोट, बरनाला, श्री मुक्तसर साहिब और फिऱोज़पुर म्युन्सीपल कस्बों को कवर किया गया है। इन 16 शहरों में तकरीबन 55.92 लाख मीट्रिक टन अवशेष पैदा होता है। स्वीकृत की गई डीपीआर के अंतर्गत अवशेष का निपटारा 800 से 885 रुपए प्रति मीट्रिक टन की लागत के साथ किया जाएगा।
और जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय ए.के. सिन्हा ने बताया कि राज्य एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए संपूर्ण मल प्रबंधन (स्ल्ज मैनेजमेंट) और वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एम.) करेगा। इसके अलावा सभी शहरों के लिए संपूर्ण ठोस कूड़ा कर्कट प्रबंधन को यकीनी बनाएगा, जिसमें कूड़े वाली जगह का प्रबंधन, मटीरियल रिकवरी फैसिलिटीज़ (एम.आर.एफ्ज़) और निर्माण के अवशेष की प्रोसैसिंग शामिल है।
श्रीमती विनी महाजन ने आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग को अर्बन एस्टेटों और मंज़ूरशुदा कॉलोनियां, जिनको अभी तक सम्बन्धित एम.सीज़ को नहीं सौंपा गया, में ठोस अवशेष के प्रबंधन की पालना को यकीनी बनाने के लिए भी कहा।
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कीचड़ प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करने और इसको अंतिम रूप देने के लिए पंजाब जल आपूत्ति एवं स्वच्छता बोर्ड के समक्ष रखने की हिदायत भी की।
काबिलेगौर है कि राज्य ने पहले ही म्युन्सीपल ठोस अवशेष को घर-घर जाकर इक_ा करने और अलग करने के लक्ष्य को लगभग 100 प्रतिशत प्राप्त कर लिया है। इसके अलावा प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 14 जि़ला वातावरण योजनाएँ तैयार की गई हैं।
मीटिंग में अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव जल संसाधन सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव वित्त, खाद्य और नागरिक आपूत्ति के.ए.पी. सिन्हा, सी.ई.ओ. पी.एम.आई.डी.सी. अजोए कुमार शर्मा, डायरैक्टर स्थानीय निकाय पुनीत गोयल और प्रोजैक्ट डायरैक्टर एस.बी.एम. पूरण सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।