MANPREET SINGH MANNA (GARHDIWALA) लोकसभा चुनावों में हार का हाई वोल्टेज झटका मोदी ने कांग्रेस पार्टी को इस कदर दिया है कि कि पार्टी अभी तक पैरों पर नहीं खड़ी हो पा रही। पार्टी के प्रधान राहुल गांधी इस्तीफा देने की पुष्टि ट्विट करके भी दे दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह के अलावा कई अनेक राज्यों के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी उनको मनाने में चुटे रहे और काफी समय तक उनको मनाने की कोशिश जारी रही लेकिन आज उन्होंने उनकी कोशिशों को दरकिनार करते हुए पार्टी के अध्यक्षता पद को छोड़ दिया है। ऐसे में अब यह सवाल खड़ा हो जाता है कि अब कांग्रेस की डूबती किश्ती को सहारा चाहिए वह सहारा कौन देगा।
प्रियंका गांधी आगे होकर ले सकती है जिम्मेवारी
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रिंयका महासचिव के पद पर विराजमान है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की तरह बोलने वाली तथा साड़ी पहनने पर उनकी तरह दिखाई देने प्रिंयका गांधी में देश को संभालने का जजबा है। वह संभाल सकती है। अगर पार्टी को स्टैंड करना है तथा वर्करों को हौंसला देना है, पार्टी को पटड़ी पर लाना है तो प्रिंयका गांधी को यह जिम्मेवारी खुद अपने कंधो पर लेनी होगी तभी जाकर कांग्रेस अपने स्तर को बचा पाएगी।
डूबता जहाज देखकर कोई नहीं आ रहा आगे
एक बात संसार में काफी प्रसिद्ध है कि जब शासन होता है तो सभी साथी होते है लेकिन जब शासन चला जाता है तो कोई साथ नहीं देता। ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस पार्टी का हुआ पड़ा है। अब कांग्रेस का कोई सीनियर नेता या कोई युवा नौजवान भी आगे होकर पार्टी की बागडोर संभालने को आगे नहीं आ रहा। इससे यह बात को सिद्ध हो गई है डूबते जहाज को संभालने के लिए कोई सूरमा नेता ही आगे आएगा।
तजुर्बे व युवा जोश को मिलकर करना होगा काम
कांग्रेस पार्टी की जो इस समय हालत है उसको बचाने के लिए तर्जुबे के साथ साथ युवा जोश को मिलकर काम करना होगा। जब नया मकान बनाते है तो जो समस्याएं आती है उनको किसी न किसी तरीके से हल किया जा सकता है लेकिन जब कोई बना बनाया सुंदर महिल गिरता है तो उसको बनाने में काफी जोर लगता है और समय भी लगता है। पहले तो मलबा ही उठाना पड़ता है फिर जाकर कहीं बाद में काम शुरू होता है। ऐसी ही हालत कांग्रेस पार्टी की इस समय है। इसके लिए तुर्जुर्बेकार नेताओं व युवा नेताओं को मिलकर बैठना होगा तथा आगे की रणनीति को तैयार करना होगा। बाकी क्या होता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
शिंदे मलिक, अजरुन खडगे का नाम भी चर्चा में
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी हालांकि उन्हें मनाने के तमाम दौर चले। कई राज्यों की इकाईयों से दिल्ली इस्तीफे आने लगे। इन सबके बीच खबर है कि राहुल की जगह नए अध्यक्ष की तलाश पूरी हो गई हो चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र इकाई के नेता सुशील कुमार शिंदे, मलिक अजरुन खडगे
कांग्रेस के नए अध्यक्ष भी हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिंदे को फोन किया था। पता चला है कि संसद के सत्र के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर इसका औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे शिंदे
इससे पहले साल 2002 में परिस्थितियां ऐसी बनी थीं कि शिंदे को यूपीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया. हालांकि एनडीए के प्रत्याशी भैरो सिंह शेखावत से वे चुनाव में हार गए थे. इसके बाद मनमोहन सिंह सरकार में शिंदे को केंद्र में मंत्री बना दिया गया.
वह साल 2009 से साल 2012 तक वे देश के ऊर्जा मंत्री थे. यूपीए के दूसरे कार्यकाल में वह 31 जुलाई 2012 से 26 मई 2014 तक केंद्रीय गृहमंत्री थे. इसके साथ ही शिंदे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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