पहले पड़ाव में 6 जिलों की केंद्रीय जेलों का किया चयन
लैबोरेटरियाँ खुलने से कैदियों के इलावा सरकार को भी मिलेगी ख़र्च से निजात : डा ओबराए
करीब 25 से 30 लाख रुपए में तैयार होगी एक लैब
अंमृतसर,17 अप्रैल – बिना किसी से एक पैसा भी इकट्ठा किए अपनी जेब में से हर वर्ष करोड़ों रुपए ख़र्च कर देश विदेश में ज़रूरतमंदों का मुश्किल समय में हाथ पकड़ने वाले सर्बत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी डा.एस पी सिंह ओबराए की तरफ से अब पंजाब सरकार के सहयोग से राज्य की सभी जेलों अंदर बंद कैदियों की सेहत का ध्यान रखते हुए जेलें में डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलने का फ़ैसला लिया गया है।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए ट्रस्ट के प्रमुख डा.एस पी सिंह ओबराए ने बताया कि जेल कैदियों की भलाई और शिकायतों के निपटारो के लिए जेल बोर्ड के मैंबर होने के नाते पिछले दिनों पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ आनलाइन हुई एक विशेष मीटिंग दौरान उन की तरफ से मुख्य मंत्री को जेलों में बंद कैदियों की सेहत पक्ष के इलावा बीमार कैदियों को जेल से बाहर लिजा कर टैस्ट कराने के कठिन, ख़र्चीले व जोखिम भरे काम का हवाला देते सर्बत का भला ट्रस्ट की तरफ से जेलों के अंदर डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलने का प्रस्ताव रखा गया।
जिस पर मुख्य मंत्री ने तुरंत अपनी सहमति देते हुए इस प्रपोजल पर मोहर लगा दी गई। उन्होंने बताया कि इस उपरांत जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ उनकी एक बैठक हुई जिसमें संयुक्त रूप में यह फ़ैसला लिया गया कि इस प्रोजैक्ट के पहले पड़ाव के अंतर्गत 6 जिलों अमृतसर, पटियाला, गुरदासपुर, लुधियाना, जालंधर, फरीदकोट की केंद्रीय जेलों में डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलीं जाएंगी जबकि अगले पड़ाव में बाकी बचते जिलों की केंद्रीय और सब जेलों में भी यह सुविधा दी जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि एक लैबारटरी पर उनका करीब 25 से 30 लाख रुपए खर्चा आऐगा और जिसमे प्राईवेट लैबोरेटरियाँ के मुकाबले केवल 10 प्रतिशत भाव लागत मूल्य ही वसूला जायेगा। जिस के साथ जहाँ कैदियों को जेल अंदर ही न मात्र ख़र्च पर एक बड़ी सुविधा मिलेगी वहीं सरकार की तरफ से कैदियों को टैस्ट आदि कराने के लिए जेलें से बाहर ले कर जाने पर सुरक्षा आदि पक्ष से आते बड़े ख़र्च से भी निजात मिलेगी।
डा.ओबराए अनुसार कैबिनेट मंत्री स. रंधावा ने उन को पूर्ण भरोसा दिया है कि इस प्राजैकट दौरान वह निजी रूचि लेकर ट्रस्ट को सहयोग देंगे, जिस सम्बन्धित उनके द्वारा जेल विभाग के उच्च आधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं और ट्रस्ट की टीमों की तरफ से एक हफ़्ते के अंदर सभी जेलों का निरीक्षण करने के बाद बहुत जल्द ही जेलों में लैबोरेटरियाँ काम करना शुरू कर देगी ।
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