जिले की मंडियों में कोविड-19 से बचाव के लिए किए गए हैं पुख्ता प्रबंध: अपनीत रियात

जिले की मंडियों में कोविड-19 से बचाव के लिए किए गए हैं पुख्ता प्रबंध: अपनीत रियात
– मंडियों में चल रहे हैं कोविड बचाव संबंधी टैस्टिंग व वैक्सीनेशन कैंप
– कोविड प्रोटोकाल का मंडियों में पालन बनाया जा रहा है यकीनी
– किसानों को गेहूं की नाड़ को आग न लगाने व गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच न करने की अपील की
होशियारपुर, 21 अप्रैल:
डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि जिले की मंडियों में कोविड-19 से बचाव के लिए सभी पुख्ता प्रबंध पूरे किए गए हैं ताकि इसके फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते गेहूं की खरीद प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मद्देनजर सभी की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर मंडियों में टैस्टिंग व वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं जहां 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जा रही हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सभी लाभार्थी वैक्सीन जरुर लगवाएं ताकि कोरोना वायरस के फैलाव से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल बेचने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरुरी है। उन्होंने कहा कि मंडियों में कोरोना वायरस से बचाव संबंधी जागरुकता पैदा करने, मास्क पहनने, सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने, साफ सफाई का ध्यान रखने आदि सहित अलग-अलग हिदायतें पहले ही जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से ऐसे प्रबंध किए गए हैं कि किसानों व संबंधित वर्ग को किसी तरह की समस्या न आए। उन्होंने बताया कि प्रशासन की पूरी कोशिश है कि किसानों को फसल बेचने में कोई दिक्कत न आए व उनको कोरोना वायरस के प्रभाव से भी बचाया जा सके।
अपनीत रियात ने किसानों को गेहूं की नाड़ व अन्य फसलों के अवशेष को आग न लगाने की अपील करते हुए कहा कि आग लगाने से वातावरण के जीव-जंतु, नजदीक लगी फसल, सडक़ किनारे लगए पौधे व पेड़ों को नुकसान होने का डर रहता है। उन्होंने कहा कि आग लगाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। इससे जमीन के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। उन्होंने जिले में कंबाइन मालिकों व आपरेटरों को भी गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच न करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर गेहूं की कटाई कंबाइनों से की जाती है व कंबाइन मालिक जमींदारों को फसल की कटाई के सही समय के बारे में जानकारी नहीं देते व रात के समय भी फसल की कटाई करते हैं। कई बार अनपकी व नमी वाली फसल की कटाई भी कर दी जाती है। ऐसी फसल को खरीदने के समय खरीद एजेंसियां गुरेज करती हैं, जिससे जमींदारों को काफी मुश्किल पेश आती है। उन्होंने किसानों को मंडियों में निर्धारित नमी वाला गेहूं लाने के लिए अपील की।

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