कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कांथी में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। यह केस टीएमसी की उस शिकायत के बाद दर्ज किया गया है जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी व उनके भाई ने नगरपालिका से राहत सामग्री की चोरी की है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय से ही विरोधी पार्टी बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के बीच तनातनी बढ़ गई है। चुनाव से पहले अधिकारी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को करारी मात दी थी।
विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद राज्य और केंद्र के बीच मतभेद साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। चक्रवात तूफान यास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में ममता शामिल नहीं हुई थीं। इस बैठक के बाद केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव रहे अलपन बंदोपाध्याय का दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि, दिल्ली जाने से पहले ही अलपन ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ममता ने एक और दांव चलते हुए अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बना दिया।
बीते गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर में तटबंधों के निर्माण के लिए आवंटित धन का “दुरुपयोग” किया गया। यहां हाल ही में चक्रवात ‘यास’ की वजह से आई बाढ़ के कारण लोग बेघर हो गए थे। कांथी से लोकसभा सांसद शिशिर अधिकारी ने हालांकि दावा किया कि दीघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण (DSDA) के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान लगभग 90 प्रतिशत काम किया गया था और बाकी को आने वाले सर्दी के मौसम के अंत तक पूरा किया जाना था।
वहीं कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी के करीबी राखल बेरा को गिरफ्तार कर लिया है। बेरा को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। शुभेन्दु के करीबी की गिरफ्तारी ऐसे वक्त हुई है, जब पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच विधानसभा चुनाव के बाद विभिन्न मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। बेरा की गिरफ्तारी बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से गरमाई सियासत में नया तूफान ला सकती है।
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