LATEST: कच्चे अध्यापकों का मामला ना सुलझाना दुखदाई एवं दुर्भाग्यपूर्ण :तीक्ष्ण सूद

कच्चे अध्यापकों का मामला ना सुलझाना दुखदाई एवं दुर्भाग्यपूर्ण :तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (18 जून) पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने कहा कि कच्चे अध्यापक लंबे समय से अपनी मांगों के हक में प्रदर्शन करते आ रहे हैं,क्योंकि कांग्रेस ने उनके साथ वायदा किया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनते ही सभी कैटेगरी के कच्चे अध्यापकों को जिनमें से एजुकेशन प्रोवाइड, एजुकेशन गारंटी स्कीम तथा नेशनल स्किल  क्वालिफिकेशन आदि के हजारों कच्चे अध्यापक हैं जो कि 5000- 6000 से लेकर 13-14 हजार रुपए प्रति महीना लेकर पक्के अध्यापकों  जितना काम कर रहे हैं,उनको पक्का किया जाए व  उन्होंने कहा कि सरकार बनने के 1 साल बाद भी जब इन अध्यापकों ने आंदोलन किया था, तब भी इन्हें ऐसा ही झूठा आश्वासन दिया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ ध्यान ना देने के कारण एक अध्यापक ने सल्फास खाकर जान देने की कोशिश की तथा कुछ अध्यापकों ने ऊंची इमारतों की छतों पर चढ़कर अपनी जान देने पर तुले हुए हैं। श्री सूद ने कहा कि सरकार तुरंत कच्चे  अध्यापकों के साथ किए गए वादे पूरे करें तथा अध्यापकों की भारी गिनती में खाली पड़ी पोस्टों पर ईटीटी बा बीएड बेरोजगार अध्यापकों को नौकरी पर लगाकर सरकारी स्कूलों की दशा सुधारें। उन्होंने कहा कि अध्यापक किसी भी देश के भविष्य का निर्माण करते हैं, सरकार द्वारा उनके साथ वादा करके भी उनकी मांगों पर ध्यान ना देना अति दुर्भाग्यपूर्ण है।

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