कोर्ट: एसपी (SP) को कानून एवं सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं, उन्हें आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए Read More: Click Here::

बिहार / पटना: झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश कुमार ने भैरवस्थान थाना इलाके में एक लड़की के अपहरण मामले में पुलिस की ओर से सही धारा न लगाने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने डीएसपी, एसपी, थानाध्यक्ष के अलावा एक न्यायिक अधिकारी से  सवाल पूछा है.

एडीजे कोर्ट ने भैरवस्थान थाना में दर्ज एक FIR पर सवाल उठाए और पूछा कि इसमें धारा 376, पॉस्को एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाई गई है. कोर्ट ने मधुबनी के एसपी डॉ सत्य प्रकाश के खिलाफ डीजीपी, होम मिनिस्ट्री, राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा  है.

Advertisements

कोर्ट ने इस नोटिस  में लिखा है कि मधुबनी के एसपी को कानून एवं सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है. उन्हें आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर और हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए. 

Advertisements

बता दें कि भैरवस्थान थाना इलाके में एक महिला ने अपनी बेटी के अपहरण को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसमें बलवीर सदाय और उसके पिता व उसकी मां पर आरोप लगाए गए. इस मामले में अभियुक्त बलवीर 25 फरवरी 2021 से जेल में बंद है. पुलिस ने धारा 363, 366 A और 34 के तहत मामला दर्ज किया है.

Advertisements

कोर्ट का मानना है कि इसमें पॉस्को, रेप, बाल विवाह अधिनियम की धारा सबसे पहले लगाई जानी चाहिए थी. कोर्ट में लड़की की उम्र 19 साल बताई गई थी, मगर अभियुक्त को जमानत नहीं दी थी. बाद में मेडिकल रिपोर्ट में लड़की की उम्र 15 साल सामने आई थी. फिलहाल लड़की गर्भवती है. लड़के ने लड़की से शादी कर ली है तो कोर्ट में सुलहनामा लगाया गया है.

कोर्ट ने इस पिटिशन को सुलह के लायक नहीं माना. कोर्ट का मानना है कि नाबालिग के साथ अपहरण और रेप के बाद सुलहनामा न्याय के विपरित है. 

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements

Related posts

Leave a Reply