जेसीटी भूमि घोटाले के हाई कोर्ट के निष्पक्ष फैसले की निष्पक्ष जांच के लिए मंत्री अरोड़ा पद छोड़े या मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करें :तीक्ष्ण सूद
कहा अरोड़ा के मंत्री रहते पीएसआईईसी के चेयरमैन जीआरजी डेवलपर्स को पहुंचा रहे हैं लाभ
होशियारपुर : पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद ने कहा है कि बहुसैंकड़े करोडी जेसिटी इलेक्ट्रॉनिक प्लाट घोटाले में बोलीदाता जीआरजी डेवलपर्स, पीएसआईईसी के अधिकारियों तथा मंत्री से मिलीभुगत के गंभीर आरोप लग चुके हैं तथा मामला लोकपाल पंजाब के पास भी पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि जीआरजी डेवलपर्स ने पीएसआईईसी तथा मंत्री से मिलीभुगत करके माननीय हाईकोर्ट में एनओसी जारी करवाने के लिए रिट पेटिशन नंबर 5135-2021 दायर कर रखा है। उन्होंने कहा कि मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा आरोपों का सीधा-सीधा जवाब देने की बजाय हमेशा ही हाई कोर्ट में चल रहे केस की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। स्पष्ट है कि एक सोची समझी साजिश के तहत बोली दाता डेवलपर्स से हाई कोर्ट में केस करवा कर उसी प्राइवेट वकील श्रीमती मनीषा गांधी से कोर्ट में पीएसआईईसी का बचाव बतौर वकील करवाया जा रहा है। जिसने पहले ही इस घपले वाले सौदे के हक में अपनी रिपोर्ट दी थी। जबकि रिपोर्ट एडवोकेट जनरल से ली जानी चाहिए थी। बाद में मुख्यमंत्री की दखलअंदाजी पर एडवोकेट जनरल ने अपनी रिपोर्ट में इस सौदे में सीधे-सीधे 125 करोड़ रुपए की घपलेबाजी बताई है। श्री सूद ने कहा कि इस केस की तर्ज पर लोकपाल की जांच की कार्रवाई में भी मंत्री अरोड़ा तथा पीएसआईईसी के चेयरमैन सरकारी खजाने व संपत्ति को नुकसान पहुचाएगें क्योंकि वह इस सौदे को सही बताने के लिए बार-बार बयान दे रहे हैं। श्री सूद ने कहा कि सरकारी संपत्ति तथा पैसे को बचाने के लिए ही नहीं परन्तु इस केस में निष्पक्ष ठंग से इंसाफ दिलवाने के लिए जरूरी है कि मंत्री अरोड़ा अपने पद से त्यागपत्र दे या मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हें बर्खास्त करें, ताकि हाई कोर्ट में चल रही जीआरजी डेवलपर्स द्वारा दायर की गई रिट पटीशन व सरदार वीर दविंदर सिंह द्वारा लोकपाल के पास चल रही जांच की निष्पक्ष व न्यायसंगत कार्रवाई हो सके।
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