पति पत्नी का रिश्ता दुनिया का एक सुंदर रिश्ता
पति पत्नी का रिश्ता दुनिया का एक सुंदर रिश्ता माना जाता है। जिस पर बुनियाद सच्चाई पर बनी होती है। इसकी शुरुआत विवाह के बंधन पर बंधने से शुरू होती है। जब शादी होती है तो सभी अपने अपने धर्म व मर्यादा के अनुसार कोई दिन निश्चित करके रस्में निभाई जाती है पर आजकल इस मर्यादा की भूमिका को नया ही रूप दिया जा रहा है जो कि समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा सकते है। लव मैरिजस व विदेश जाने के लिए नकली शादियों का दौर चल रहा है, जिसके कारण आत्महत्याओं व हत्याओं का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है।
झूठ व सपनों की दुनिया पर बना रिश्ता ज्यादा देर तक नहीं चलता
आम एक बात अक्सर की बुद्धिजीवी कहते है कि कोई दीवार का अगर निर्माण करना हो तो उसे मजबूती देने के लिए उसकी नींव का मजबूत होना बहुत जरूरी है। यही बात परिवारों पर पूरी तरह से लागू होती है। आज कल विवाह जो हो रहे है वह झूठ व सपनों की दुनियां दिखा कर हो रहे है जो कि ज्यादा समय तक नहीं टिकते। कोई न कोई समस्या या पहले ही आ जाती है या समय के साथ साथ समस्याएं इतनी बढ़ जाती है कि आत्महत्या या तलाक तक बात पहुंच जाती है। फिर इसके अंजाम इतने भंयकर देखने को मिल रहे है कि समाचार पत्र व न्यूज चैनल ऐसी घटनाओं से भरे पड़े है, जिसमें अन्य समाचारों की संख्या से ज्यादा ऐसे समाचार ज्यादा देखने को मिलते है।
बच्चे नादान, बड़ों का बच्चों को समझाना चाहिए
जब कोई प्यार में अंधे हुए नौजवान लडक़े व लड़कियां भाग कर शादी करवा लेते है। उस समय उनको इसकी जानकारी नहीं होती। जब उनको समझ आती है तब तक कई बार काफी देर हो चुकी होती है। इसके लिए बड़ों का बच्चों को समझाना चाहिए। बच्चे तो नादान होते है उनको दुनियादारी की क्या समझ उसके बारे तो उनके परिवारिक सदस्यों ने उनको जानकारी देनी है, उनको दुनियावी कार्यों या परिवारिक कार्यों के बारे में जानकारी देनी चाहिए । जब प्यार का भूत नौजवानों पर सवार होता है तो उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता वह गलतियां कर बैठते है। इसके पीछे एक ओर कारण भी कहा जाता है कि कई बार माता पिता व अन्य परिवारिक सदस्यों का डर इतना बच्चों के मन में बढ़ जाता है कि वह कोई बात परिवारिक सदस्यों के साथ शेयर नहीं करते और गलत कदम उठा बैठते है, जिसका भूगतान उनको बाद में करना पड़ता है। अभिभावकों में पैसों की दौड़ इतनी बढऩे के चलते उनके पास समय ही नहीं है कि वह बच्चों के साथ बैठ कर प्यार से कोई बात कर लें, जिसके चलते बच्चें माता पिता से बात नहीं करते तथा गलत कदम की तरफ चल पड़ते है जिसके परिणाम अब देखने को मिल ही रहे हैं।
सोशल मीडिया पर करते है अभिभावकों को बेईज्जत
पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर भाग कर विवाह करवाने के बाद अभिभावकों को बेइज्जत करने व उनसे जान से खतरे को लेकर वीडियो द्वारा संदेश सामने आ रहे है। जिससे सोशल मीडिया इनके लिए सहायक सिद्ध होते है वहीं इनके लिए खतरा भी पैदा करते है। इससे परिवारों में दरारें इतनी बढ़ जाती है, जिनको भरना शायद सारी जिंदगी भी संभव नहीं हो पाता। सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर जोड़े अपने आप को सुरक्षित महसूस करते है।
भागकर शादियों के कारण बढ़ी आनर किलिंग
भाग कर शादियों के चलन के चलते आनर किलिंग की घटनाओं का काफी बढ़ौतरी हुई है। आए दिन ऐसे समाचार सामने आते है कि लडक़ा व लडक़ी की हत्या। इसके चलते बच्चों में डर की भावना ज्यादा बढ़ जाती है जिसके चलते बच्चे डर के कारण भाग कर विवाह कर लेते है। जो कि समाज में इस समय कानून के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है क्योंकि कानून की परवाह किए बिना लोग इन घटनाओं को अंजाम दे रहे है, पिछले समय में तो आनर किलिंग के मामले तो काफी बढ़े है, जो कि समाज को एक अच्छी दिशा नहीं प्रदान कर रहे, जिसको लेकर सोचना समय की मांग कही जा सकती है।
लेखक
मनप्रीत सिंह मन्ना
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