दिल्ली के इस कॉलेज में हर छात्र को लगाने होंगे 10 पौधे

इस वर्ष प्रत्येक छात्र को पर्यावरण की बेहतरी में योगदान देने के लिए कम से कम दस पौधे लगाने होंगे और वर्षा जल संरक्षण के उपाय करने होंगे

नई दिल्ली : राजधानी में दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (Indraprastha University) के अंतर्गत आने वाले सभी नौ खालसा कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र को पर्यावरण की बेहतरी में योगदान देने के लिए कम से कम दस पौधे लगाने होंगे और वर्षा जल संरक्षण के उपाय करने होंगे. उनके इन प्रयासों के बदले में उन्हें वार्षिक परीक्षा में अंक दिए जाएंगे. दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों को प्रकृति से जोड़ने, पर्यावरण को बेहतर बनाने और आबोहवा की गुणवत्त्ता में सुधार लाने के लिए एक विशाल पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत दिल्ली के सभी ऐतिहासिक गुरूद्वारों और सिख संस्थाओं के परिसरों में सावन के इस मौसम में नीम, बेर, जामुन आदि के एक लाख पौधे लगाए जाएंगे.

 

उन्होंने बताया कि पौधारोपण और वर्षा जल संरक्षण के उपायों को कॉलेज की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के तौर पर मान्यता दी गयी है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक छात्र को सिर्फ पौधा ही नहीं लगाना होगा, उसे जिंदा तथा स्वस्थ रखना होगा और इसका फोटो / वीडियो कॉलेज के प्रिंसिपल को जमा करवाना होगा. वर्षा जल संरक्षण के उपायों के साथ छात्रों द्वारा लगाए गए पौधों की स्थिति और सेहत के अनुसार छात्रों को नंबर दिए जाएंगे, जो बाकायदा उनके वार्षिक परीक्षा परिणाम में जोड़े जाएंगे.

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सिख संगत और छात्रों को यह पौधे कहां से मिलेंगे सिरसा ने बताया कि इस सीजन के दौरान कमेटी आम, आंवला, गुलमोहर, नीम, बेर आदि प्रजातियों के दो लाख से अधिक पौधे श्रद्वालुओं को मुफ्त वितरित करेगी. इसके अलावा दिल्ली की सिख संस्थाओं मुख्यतः गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब तथा गुरूद्वारा बंगला साहिब द्वारा पर्यावरण सुधारने में योगदान देने वाले नीम, जामुन तथा बेर के पौधे सिख श्रद्वालुओं को ‘बूटा प्रसाद’ के रूप में वितरित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि कमेटी पिछले पांच वर्ष में राजधानी दिल्ली में लगभग दो लाख पौधों का मुफ्त वितरण कर चुकी है.

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सिरसा ने बताया कि पिछले दस बरस से सिख संस्थाएं 14 मार्च को सिख पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाती हैं और व्यापक पौधारोपण करती हैं. इस वर्ष पर्यावरण दिवस पर ‘‘वर्टिकल गार्डनिंग” का आयोजन किया गया और फ्लाईओवरों तथा भवनों तथा इमारतों को हरियाली प्रदान करने के लिए 5,000 प्रजातियों के पौधे लगाए गए.

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