LATEST ; हर अवस्था में सहज रहना है -सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

होशियारपुर, (SATWINDER SINGH ): जीवन में कोई भी उतार चढ़ाव आये, हमें हर अवस्था में सहजता रखनी है। भौतिक सभी वस्तुएँ क्षण भंगूर है, इनमें परिवर्तन स्वाभाविक है। इन पदार्थों के परिवर्तन की स्थिति से अपनी स्थिरता को नहीं हिलाना। यह तभी सम्भव है, जब हम निरंकार प्रभु का अहसास रखते हैं। परमात्मा से जुड़ने के बाद कोई भी स्थिती हमें हिला नहीं सकती। जीवन में स्थिरता और सहजता आती है। ये उद्गार गत रात्री दशहरा मैदान में विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुए, निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने व्यक्त किए। इस विशाल निरंकारी सत्संग समारोह में फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, होडल, गुडगांव और दिल्ली से हजारों की संख्या में श्रद्वालु भक्तों ने भाग लिया। सत्संग का प्रारम्भ सायं 6 बजे से हुआ जो रात्री 9 बजे तक चला।

72वें वार्षिक निरंकारी संत समागम जो कि नवम्बर 16-18, 2019 को निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा जी.टी. रोड में होने जा रहा है, उससे पहले सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने फरीदाबाद की संगतों को आशीर्वाद दिया।
सद्गुरु माता जी आगे फरमाया कि हमें परमात्मा की बनाई मूर्तियां अर्थात् इन्सानों से प्रेम और करुणा का भाव रखना है। सभी से एक समान व्यवहार करना है। प्रभु परमात्मा ने कभी किसी कार्य के लिए हमें चुना है तो उस कार्य के लिए मिली प्रशंसा के लिए भी प्रभु को ही कर्ता मानना है। अभिमान के भाव को मन में नहीं लाना।
माता जी ने समझाया कि यदि हर पल प्रभु का शुक्राना मानते हुए, सम्पर्ण भाव से जीवन बिताते हैं तो सच्चे आनन्द की अवस्था प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि सब कुछ तेरा, तुझको अर्पण वाला भाव रख कर हर कार्य में परमात्मा की कृपा को मानना है।

अन्त में सद्गुरु माता जी ने फरमाया कि जब एक प्रभु परमात्मा को जानकर उस एक के रंग में रंग जाते हैं, तो हर स्थिती में आनंद का ही अहसास होता है। उन्होंने समझाया कि बहुत खुशी में भी अधिक उत्साहित न होकर प्रभु का शुक्राना करना है और कभी कोई समस्या भी है तो उसमें भी प्रभु की रजा मान कर और उस में ही अपना भला मानतेहुए शुक्राने का भाव रखना है।
इस सत्संग में सद्गुरु माता जी का आशीर्वाद लेने हेतू शहर की कई गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया जिनमें कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल थी।

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